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Pension: 358 मृतकों के बैंक खातों में जमा करा दी पेंशन, अब राशि वापस लेने की कवायद

Madhya Pradesh सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि 358 मृतकों के बैंक खातों में महीनों तक जमा होने का मामला उजागर हुआ है। अब नगर पालिकाएं बैंकों से यह राशि वापस लेने की कवायद कर रही हैं। इनमें 100 खातों से राशि वापस ले ली गई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 08:29 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 08:29 PM (IST)
Pension: 358 मृतकों के बैंक खातों में जमा करा दी पेंशन, अब राशि वापस लेने की कवायद
मप्र में 358 मृतकों के खातों में जमा करा दी पेंशन। फाइल फोटो

विदिशा, राजेंद्र शर्मा। Pension: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले की तीन नगर पालिकाओं में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि 358 मृतकों के बैंक खातों में महीनों तक जमा होने का मामला उजागर हुआ है। अब नगर पालिकाएं बैंकों से यह राशि वापस लेने की कवायद कर रही हैं। इनमें 100 खातों से राशि वापस ले ली गई है। यह गड़बड़ी तब सामने आई, जब राज्य सरकार के सामाजिक न्याय व कल्याण विभाग ने पेंशन पाने वाले हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए। इस निर्देश के बाद विदिशा जिले के सात नगरीय निकायों में पांच माह तक नपा के मैदानी अमले ने हितग्राहियों के घर- घर जाकर उनके जीवित होने का सत्यापन किया। इस दौरान जिले के तीन नगरीय निकायों में हर महीने पेंशन पाने वाले 358 हितग्राही मृत पाए गए, इनमें विदिशा नपा में 187, गंजबासौदा में 160 और सिरोंज में 11 हितग्राही शामिल हैं।

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मृत्यु प्रमाणपत्र के बाद भी जमा होती रही पेंशन

विदिशा के काछी मोहल्ला में रहने वाले दुर्गेश खटीक के मुताबिक उनकी मां जानकी बाई की मृत्यु पिछले साल 20 अप्रैल को हुई थी। मई में उन्होंने नपा कार्यालय को मां की मृत्यु की सूचना देते हुए मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाया था। इसके बाद भी मां के बैंक खाते में नौ माह तक पेंशन राशि जमा होती रही। यह राशि उन्होंने नहीं निकाली थी। जब नपा को अपनी गलती का पता चला तो उन्होंने बैंक से यह राशि वापस ली।

सत्यापन कराने के निर्देश
पेंशन योजना में हितग्राहियों को हर साल जीवित होने का प्रमाणपत्र देने का प्रविधान नहीं है, इसलिए नगरीय निकायों का अमला स्वजनों या अन्य सूचनाओं पर निर्भर रहता है। सूचना नहीं मिलने की वजह से यह गड़बड़ी हुई है। इस गड़बड़ी के बाद शासन ने हर तीन माह में हितग्राहियों का सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं।

- पीके मिश्रा, उप संचालक, सामाजिक न्याय व कल्याण विभाग, विदिशा।


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