Divorce: माता-पिता तलाक पाने के लिए बच्चों को बना रहे मोहरा, मानसिक तनाव में बच्चे
Madhya Pradesh तलाक के मुकदमे में समर्थन के लिए माता-पिता बच्चों को अपने पक्ष में करने के लिए खिलाने-पिलाने से लेकर तरह-तरह के प्रलोभन देते हैं। उनसे झूठ बोलने को कह रहे हैं। वे बच्चों को भड़काते भी हैं।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में तलाक के मुकदमे में समर्थन के लिए माता-पिता बच्चों को अपने पक्ष में करने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन देते हैं। वे बच्चों को भड़काते भी हैं। माता या पिता ऐसा इसलिए करते हैं कि काउंसलिंग के दौरान न्यायालय में बच्चे उनके पक्ष में बयान दें। मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग में अप्रैल से अब तक बच्चों की 25 ऐसी शिकायतें पत्र या ईमेल के जरिए आईं हैं, जिनमें बच्चों ने बताया कि उनके माता-पिता के बीच तलाक का मुकदमा कोर्ट में चल रहा है। वह उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ भड़का रहे हैं। आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने बताया कि कोविड काल में इस तरह के मामलों में इजाफा हुआ है। अब हर माह सात से आठ शिकायतें आ रही हैं। माता-पिता एक-दूसरे पर बच्चे को प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर अपने पक्ष में निर्णय चाहते हैं। इस स्थिति में बच्चे तनाव में हैं। अभी तक 10 मामलों में की गई काउंसलिंग के दौरान बच्चों ने बताया कि माता-पिता ने झूठ बोलने के लिए उन पर दबाव बनाया था। कुछ ने कहा कि माता-पिता दोनों उन्हें साथ रखने के लिए लड़ रहे हैं, जबकि बच्चे दोनों के साथ रहना चाहते हैं।
केस-1
दस साल के एक बच्चे ने आयोग को पत्र लिखा है कि बचपन से ही पापा-मम्मी को झगड़ते देखा है। अब तो पापा हम दोनों के साथ भी नहीं रहते हैं। अब वे दोनों मुझे अपने पास रखने के लिए परेशान हैं, जबकि मुझे तो दोनों के साथ रहना है।
केस-2
12 साल की एक बच्ची ने आवेदन दिया है कि वह दो भाई-बहन हैं और माता-पिता के बीच झगड़ा होने से दोनों अलग रहते हैं। मम्मी के साथ मैं और भाई पापा के साथ रहता है। हम दोनों भाई-बहन मम्मी-पापा के साथ रहना चाहते हैं।
इसलिए रिश्तों में हो रहा है बिखराव
आजकल रिश्तों में स्नेह व सहिष्णुता की कमी होती जा रही है। इस कारण रिश्तों में बिखराव हो रहा है। दंपती के बीच व्यक्तित्तव का विकार देखने को मिल रहा है। इससे वे खुद को सही साबित करने में लगे रहते हैं और बच्चों को अपने पक्ष में करने में लगे रहते हैं। ऐसे में दंपती की काउंसलिंग कराई जानी चाहिए।
-डा. सत्यकांत त्रिवेदी, सलाहकार मनोचिकित्सा।