राजनीति में चमक दिखाने नहीं गए पं दीनदयाल: भागवत
पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पूरी पार्टी को प्रमाणिकता और सिद्घांतों पर डटे रहने की सीख दे गए।
नई दुनिया, भोपाल। पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ के एजेंट के तौर पर भाजपा कार्यकर्ता का नाम सामने आने के बाद शनिवार को पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पूरी पार्टी को प्रमाणिकता और सिद्घांतों पर डटे रहने की सीख दे गए।
बैरागढ़ के संत हिरदाराम गर्ल्स कॉलेज में 'दीनदयाल उपाध्याय: एक विचार' विषय पर भागवत ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय राजनीति में चमक दिखाने नहीं गए। कटआउट लगाकर प्रसिद्धी वे भी पा सकते थे। लेकिन वो इन चीजों से इतर रहे। हमारी प्रमाणिकता तभी होगी जब हम जो कहें, वही करें।
उन्होंने कहा कि आजकल लोग सोचते कुछ हैं, बोलते कुछ हैं और करते कुछ हैं। ऐसे लोग दुष्ट होते हैं। राजनीति कर्तव्य नहीं रही, सत्ता का स्वार्थ बन गई है।भागवत ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने चुनाव जीतने के लिए जाति का उपयोग नहीं किया और वे हार गए। लेकिन आज के समय में चुनाव के दौरान क्या कोई नेता जातिगत फायदा न उठाने की हिम्मत कर सकता है?
मोहन भागवत ने इशारों-इशारों में सरकार पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि दीनदयाल जी तो कानून का पालन करते थे, लेकिन अब राजा द्वारा कानून के पालन की व्यवस्था ही धुंधली हो गई है।दीनदयालजी की जगह अटलजी को श्रृद्धांजलि दे दीमोहन भागवत ने कहा कि लोग अटल जी को जनसंघ का चेहरा समझते थे। कई लोग दीनदयाल जी को ही अटल समझते थे। उनकी मौत के बाद जब नागपुर में एक सभा हुई तो संघ के बडे़ कार्यकर्ता ने दीनदयाल उपाध्याय की जगह अटल जी को श्रद्धांजलि दे दी। उनके बजाय अटल जी ज्यादा प्रसिद्घ थे। दुनिया के अच्छे वक्ताओं में वे एक उदाहरण हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान भी मंच पर भागवत के साथ बैठे थे। कार्यक्रम में भाजपा के सभी पदाधिकारियों, विधायकों और सांसदों को बुलाया गया था।