Panchayat Elections in MP: मध्य प्रदेश में तीन चरण में होंगे पंचायती चुनाव, निर्वाचन आयुक्त ने जारी किए निर्देश
मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तीन चरणों में करवाया जाएगा। इस संबंध में हुई तैयारियों की समीक्षा करते हुए राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कलेक्टरों को जरूरी निर्देश दिए हैं साथ ही संवेदनशील और अति संवेदनशील केंद्रों की सूची तत्काल मांगी है।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां हो चुकी हैं। ये चुनाव तीन चरणों में करवाया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से तैयारियों की समीक्षा कलेक्टरों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी जिला प्रशासन मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन करवाने के बाद संवेदनशील और अति संवेदनशील केंद्रों की सूची तत्काल उपलब्ध करवायें। जिन मतदान केंद्रों तक पहुंचने का मार्ग ठीक नहीं है उन्हें जल्द से जल्द दुरुस्त करवाया जाये।
निर्वाचन आयुक्त ने चुनाव से संबंधित तैयारियों की पूरी जानकारी भी उन्होंने बताया कि जिन मतदान केंद्रों में मतदाताओं की संख्या 750 से अधिक हैं वहां अतिरिक्त मतदानकर्मी नियुक्त किया जाएंगे। इसके लिए मतदानकर्मियों को चिह्नित कर प्रशिक्षित करने का कार्य शुरू किया जाये। इस प्रशिक्षण में उन्हें इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के संचालन से लेकर चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी प्रकार की जानकारी दी जाएंगी।
निर्वाचन आयुक्त ने बैठक में बताया कि जिला और जनपद पंचायत के सदस्य का चुनाव ईवीएम से होगा जबकि सरपंच व पंच का चुनाव मतपत्र द्वारा करवाया जाएगा। कलेक्टर को मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन करवाने के निर्देश दिए गए हैं। आयुक्त ने कहा है कि अगर किसी केंद्र के स्थान में बदलाव किए जाने की आवश्यकता है तो कारण सहित उसका प्रस्ताव भेजा जाये। साथ ही मतदान केंद्रों पर बिजली की व्यवस्था भी सुनिश्चित होने चाहिए। पंचायतों में मार्च 2022 तक रिक्त होने वाले पदों की जानकारी भी दी जाये।
ऐसा अनुमान है कि खंडवा संसदीय क्षेत्र समेत पृथ्वीपुर, जोबट और रैगांव विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के बाद जिला पंचायत पद के आरक्षण की तैयारी हो जाएगी। इसके पश्चात राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव की घोषणा हो जाएगी। ये चुनाव 1 जनवरी 2021 की मतदाता सूची के आधार पर होंगे। चुनाव आयुक्त की इस बैठक में उपचुनाव वाले जिले खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, टीकमगढ़, देवास, निवाड़ी और सतना के कलेक्टर उपस्थित नहीं थे।