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Madhya Pradesh: बल्ले से पिटा अधिकारी कोर्ट में पलट गया, कहा-नहीं पता किसने पीटा था

Madhya Pradesh जिस अधिकारी ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे विधायक आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ बल्ले से मारपीट की शिकायत की थी उसने कोर्ट मेंं कहा कि उसे नहीं पता कि उसको बल्ला किसने मारा था क्योंकि बल्ला पीछे से चला था।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 19 Feb 2022 04:03 PM (IST)Updated: Sat, 19 Feb 2022 04:03 PM (IST)
Madhya Pradesh: बल्ले से पिटा अधिकारी कोर्ट में पलट गया, कहा-नहीं पता किसने पीटा था
इंदौर में बल्ले से पिटा अधिकारी कोर्ट में पलट गया, कहा-नहीं पता किसने पीटा था। फाइल फोटो

इंदौर, जेएनएन। नगर निगम के जिस अधिकारी ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे विधायक आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ बल्ले से मारपीट की शिकायत की थी, वे न्यायालय में बयान से पलट गए। उन्होंने न्यायालय में कहा कि घटना के समय वे मोबाइल पर बात कर रहे थे। उन्हें नहीं पता कि उन्हें बल्ला किसने मारा था, क्योंकि बल्ला पीछे से चला था। उन्होंने विजयवर्गीय को बल्ला मारते हुए नहीं देखा था। विजयवर्गीय के हाथ में बल्ला देख उन्होंने रिपोर्ट में उनका नाम लिखवा दिया था। उल्लेखनीय है कि इंदौर के गंजी कंपाउंड क्षेत्र में एक जर्जर भवन ढहाने के दौरान विवाद में आकाश विजयवर्गीय का निगम के अधिकारियों से विवाद हो गया था।

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जानें, क्या है मामला

आरोप है कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे विधायक आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम के तत्कालीन भवन निरीक्षक धीरेंद्र बायस को क्रिकेट के बल्ले से पीट दिया था। 26 जून, 2019 को हुई इस घटना में विजयवर्गीय गिरफ्तार भी हुए थे। अब तक इस मामले की सुनवाई भोपाल के विशेष न्यायालय में चल रही थी। इंदौर में इस संबंध में विशेष न्यायालय गठित होने के बाद शुक्रवार को विजयवर्गीय के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले निगम अधिकारी बायस का प्रतिपरीक्षण हुआ। विजयवर्गीय की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अविनाश सिरपुरकर ने बताया कि मामले में अब 25 फरवरी को अन्य गवाहों के बयान होंगे। 

गौरतलब है कि इंदौर के एडिशनल डीसीपी के मुताबिक, पुलिस पंचायत में 13 मामले आए। पुलिस ने आठ मामलों में दोनों पक्षों का सामना करवा कर समझौता करवा दिया। कुछ मामलों में तारीख बढ़ा दी है। एक मामले में छोटे बेटे और बहू से परेशान 75 वर्षीय वृद्धा व्यथा सुनाते-सुनाते रोने लगी। बहू वृद्ध सास को जेल भिजवाने की धमकी देती थी। दिव्यांग जेठ के साथ भी हाथापाई करती है। भरण पोषण से भी इन्कार कर दिया। पुलिस पंचायत में बहू-बेटे को बुला गया। उन्हें कानून के बारे में बताया और कहा कि सास उनके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करवा सकती है।


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