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Madhya Pradesh: भोपाल में नेशनल हेराल्ड की संपत्ति की होगी जांच, मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दिया निर्देश

Madhya Pradesh मध्य प्रदेश के मंत्री ने कहा कि नेशनल हेराल्ड के प्रकाशन के लिए भोपाल के महाराणा प्रताप नगर में आवंटित भूमि का वाणिज्यिक उपयोग पाए जाने पर सील करने के साथ-साथ जिन लोगों ने व्यावसायिक उपयोग किया है उनके विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई होगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 04 Aug 2022 10:07 PM (IST)Updated: Thu, 04 Aug 2022 10:07 PM (IST)
Madhya Pradesh: भोपाल में नेशनल हेराल्ड की संपत्ति की होगी जांच, मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दिया निर्देश
भोपाल में नेशनल हेराल्ड की संपत्ति की होगी जांच। फाइल फोटो

भोपाल, राज्य ब्यूरो। नेशनल हेराल्ड की भोपाल में संपत्ति की जांच के लिए वरिष्ठ आइएएस अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी। नगरीय विकास व आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विभागीय प्रमुख सचिव को निर्देश दिया है कि संपत्ति से जुड़े सभी मामले की जांच एक माह में कराकर रिपोर्ट दी जाए। साथ ही, न्यायालय में लंबे समय तक प्रकरण लंबित रहने के कारण की भी जांच करें और इसके लिए जो भी अधिकारी दोषी हो, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। मंत्री ने कहा कि नेशनल हेराल्ड के प्रकाशन के लिए भोपाल के महाराणा प्रताप नगर में आवंटित भूमि का वाणिज्यिक उपयोग पाए जाने पर सील करने के साथ-साथ जिन लोगों ने व्यावसायिक उपयोग किया है, उनके विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई होगी।

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वर्ष 1981 में एक एकड़ भूमि 30 साल की लीज पर हुई थी आवंटित

कांग्रेस सरकार ने वर्ष 1981 में नेशनल हेराल्ड के लिए महाराणा प्रताप नगर में एक लाख रुपये में एक एकड़ भूमि 30 साल की लीज पर आवंटित की थी। भूमि समाचार पत्र के प्रकाशन के लिए दी गई थी। नियमानुसार इसका वाणिज्यिक उपयोग नहीं किया जा सकता है, लेकिन यहां भूमि का दुरुपयोग हुआ। भूमि कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भी बेची गई। वर्ष 2011 में जब लीज नवीनीकरण का आवेदन भोपाल विकास प्राधिकरण के सामने आया तो शर्तों के उल्लंघन का मामला पाते हुए लीज को निरस्त करने की कार्रवाई प्रारंभ की गई। इसके विरोध में नेशनल हेराल्ड का प्रबंधन न्यायालय पहुंच गया। इसके साथ ही दुकानों ने भी याचिका दायर की दी। मामला भोपाल जिला न्यायालय में विचाराधीन है। सूत्रों के मुताबिक, 2007 से 2009 के बीच भूमि बेची गई।

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ के बाद साक्ष्य की तलाश में ईडी ने नेशनल हेराल्ड के दफ्तरों पर छापा मारा था। यंग इंडिया को एक करोड़ रुपये मुहैया कराने वाली कोलकाता की कंपनी के दफ्तरों की भी तलाशी ली गई। पिछले साल नेशनल हेराल्ड मामले में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने के बाद ईडी ने पहली बार छापा मारा है। ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि नेशनल हेराल्ड के दिल्ली, इंदौर, लखनऊ, मुंबई समेत कुल 11 स्थानों पर छापा मारा गया है। इसका मुख्य उद्देश्य नेशनल हेराल्ड के बही-खातों की जांच कर आय-व्यय का पता लगाना था। उन्होंने बताया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ-साथ कांग्रेस कोषाध्यक्ष पवन बंसल और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से भी लंबी पूछताछ हो चुकी है। घोटाले से जुड़े अहम सवालों का जवाब किसी से नहीं मिल पाया। इन नेताओं ने सवालों को यह कहकर टाल दिया कि इस बारे में मोतीलाल वोरा को जानकारी थी। मोतीलाल वोरा के जीवित नहीं रहने से इन सवालों का जवाब हासिल करना संभव नहीं है।

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नेशनल हेराल्ड को प्रेस कॉम्प्लेक्स, भोपाल में आवंटित भूखंड में शर्तों का उल्लंघन कर व्यावसायिक निर्माण के प्रकरण में आज मैं ने जांच समिति के गठन के आदेश दे दिए हैं। आवंटित भूखंड के प्रयोजन का उल्लंघन किनके द्वारा किया गया, भूखंडों का विक्रय किनके द्वारा किया गया, व्यवसायिक निर्माण किसने किया, न्यायालय में इतने लंबे समय से प्रकरण में ठोस कार्यवाही के लिए कौन ज़िम्मेदार इत्यादि बिंदुओं पर समिति जाँच करेगी और अपना प्रतिवेदन एक माह में प्रस्तुत करेगी। #NationalHeraldScam - Bhuppendra Siingh (@BhuppendraSiingh) 4 Aug 2022


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