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MP Politics: मध्य प्रदेश में भाजपा के असंतुष्ट दिखाएंगे ताकत, अमृत महोत्सव कार्यक्रम में आएंगे एक मंच पर

अजय श्नोई मंत्री पद के दावेदार भी हैं और इसी नाराजगी के चलते गाहे-बगाहे सरकार को कठघरे में खड़ा करते रहते हैं। भाजपा में 75 वर्ष आयु वाले और कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं के कारण वे सभी नेता इस कार्यक्रम में एक मंच पर आएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Arun kumar SinghPublished: Tue, 29 Nov 2022 08:55 PM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 08:55 PM (IST)
MP Politics: मध्य प्रदेश में भाजपा के असंतुष्ट दिखाएंगे ताकत, अमृत महोत्सव कार्यक्रम में आएंगे एक मंच पर
मध्य प्रदेश भाजपा के मिशन 2023 की राह में असंतुष्ट नेताओं की नाराजगी भी एक चुनौती

धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। मध्य प्रदेश भाजपा के मिशन 2023 की राह में असंतुष्ट नेताओं की नाराजगी भी एक चुनौती है। भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के अमृत महोत्सव में पार्टी के कई ऐसे दिग्गज जुटने वाले हैं, जो हाशिए पर हैं। यह कार्यक्रम 11 दिसंबर को दमोह में होगा। इसमें पूर्व मंत्री अजय विश्नोई महत्वपूर्ण भूमिका में हैं। आमंत्रण पत्र में भी विश्नोई का नाम दर्ज है और उनकी मलैया से दोस्ती बहुत पुरानी है।

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भाजपा में ये नेता किसी कारण से पार्टी में हैं उपेक्षित

विश्नोई मंत्री पद के दावेदार भी हैं और इसी नाराजगी के चलते गाहे-बगाहे सरकार को कठघरे में खड़ा करते रहते हैं। माना जा रहा है कि भाजपा में 75 वर्ष आयु वाले और कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं के कारण वे सभी नेता इस कार्यक्रम में एक मंच पर आएंगे, जो कहीं न कहीं किसी कारण से पार्टी में उपेक्षित हैं। मलैया की दमोह सीट से भी भाजपा ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर आए राहुल लोधी को उपचुनाव लड़ाया था, जिसके कारण मलैया के राजनीतिक भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।

जयंत मलैया भी अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित

मलैया सुंदरलाल पटवा, उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह सरकार में लंबे समय तक मंत्री रहे हैं। उनका 75वां जन्मदिवस 15 नवंबर को था लेकिन अमृत महोत्सव 11 दिसंबर को मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के आयोजक अजय विश्नोई, राजेंद्र सिंघई, सिद्घार्थ मलैया और निशांत मलैया हैं। आमंत्रण पत्र भेजने के साथ ही मलैया से जुड़े संस्मरण और छाया चित्र भी एकत्र किए जा रहे हैं, ताकि उसकी एक स्मारिका प्रकाशित की जाए। वैसे तो मलैया के अमृत महोत्सव का कार्यक्रम अब तक गैर राजनीतिक कार्यक्रम है लेकिन इसमें भाजपा के वे सभी नेता जुटने वाले हैं, जो किन्ही कारणों से पार्टी में हाशिए पर हैं। मलैया खुद लंबे समय से पार्टी में उपेक्षित चल रहे हैं। उनके पुत्र को पार्टी ने दमोह उपचुनाव में पराजय के कारण पार्टी से निकाल दिया है। ऐसे हालात में मलैया भी अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

अमृत महोत्सव के बहाने ये सारे नेता दिखाएंगे एकजुटता

2020 से अब तक की गतिविधियों पर सरसरी नजर डालें तो स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि भाजपा के मिशन-2023 की राह में पार्टी के ही कई दिग्गज और पूर्व मंत्री कांटे बिछा सकते हैं। कद्दावर मंत्री रहे जयंत मलैया की सीट हो या डा. गौरीशंकर शेजवार अथवा दीपक जोशी, ऐसे कई दिग्गज हैं, जिनकी परंपरागत सीटों पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से आए विधायक काबिज हो गए हैं। ऐसी सीटों पर मौजूदा विधायक होने के कारण जाहिर है कि भाजपा के पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों को 2023 में टिकट नहीं मिल पाएगा। ऐसे में मलैया के अमृत महोत्सव के बहाने ये सारे नेता अपनी एकजुटता दिखा सकते हैं।

कांग्रेस इन नेताओं पर डाल सकती है डोरे

नगरीय निकाय चुनाव में ऐसे नेताओं के क्षेत्र में भाजपा को अनुकूल परिणाम नहीं मिले, यदि ऐसा हुआ तो आगामी विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इधर, एक संभावना यह भी है कि कांग्रेस इन नेताओं पर डोरे डालकर चुनावी माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकती है। मध्य प्रदेश में दो दलीय सियासत के चलते कांग्रेस के टिकट पर भाजपा के असंतुष्ट दिग्गजों का आ जाना चौंकाने जैसा नहीं होगा।

ये शक्ति प्रदर्शन नहीं : मलैया

उधर, पूर्व मंत्री जयंत मलैया कहना है कि यह कार्यक्रम किसी तरह का शक्ति प्रदर्शन नहीं है। सामाजिक जीवन में पचास साल काम किया है तो सभी का मानना था कि कार्यक्रम करना चाहिए। इस बहाने सभी लोगों से मिलना-जुलना हो जाएगा।


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