MP News: 'कोलंबस ने नहीं हमारे पूर्वजों ने खोजा था अमेरिका', मध्य प्रदेश के मंत्री ने किया बड़ा दावा
मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने मंगलवार को कहा कि विद्यार्थियों को गलत इतिहास पढ़ाया जा रहा है। कोलंबस ने नहीं अमेरिका की खोज हमारे पूर्वजों ने की थी। इतिहास में बताया गया है कि कोलंबस 1942 में अमेरिका गया था जबकि हमारे देश के रिकार्ड बताते हैं कि हमने आठवीं शताब्दी में अमेरिका के साथ व्यापार शुरू कर दिया था।
जेएनएन, भोपाल। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने मंगलवार को कहा कि विद्यार्थियों को गलत इतिहास पढ़ाया जा रहा है। कोलंबस ने नहीं, अमेरिका की खोज हमारे पूर्वजों ने की थी। इतिहास में बताया गया है कि कोलंबस 1942 में अमेरिका गया था, जबकि हमारे देश के रिकार्ड बताते हैं कि हमने आठवीं शताब्दी में अमेरिका के साथ व्यापार शुरू कर दिया था।
भारत की खोज वास्कोडिगामा ने नहीं की थी
हमारे पूर्वज ने सोन डियागो में मंदिर भी बनवाए, वहां के संग्रहालय में इसके तथ्य लिखे हुए हैं। अच्छा होता कि इतिहासकार उन तथ्यों को देखते और पढ़ाते। इतिहासकारों ने देश के सकारात्मक पहलुओं के बजाय कमजोरियों को उजागर करने का प्रयास किया। ऐसे ही भारत की खोज वास्कोडिगामा ने नहीं की थी।
भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) के दीक्षा समारोह में मंत्री ने कहा कि भारत का एक नाविक चंदन व्यापार करने अफ्रीका के जंजीबार गया था। वहां बंदरगाह पर वास्कोडिगामा ने दुभाषिये के माध्यम से उससे कहा कि मुझे भारत देखना है।
सिलेबस से हटाएंगे गलत जानकारी
चंदन ने कहा कि मैं जाने वाला हूं, मेरे जहाज के पीछे आ जाएं। असल में भारत की खोज चंदन ने की थी। वास्कोडिगामा ने खुद लिखा है कि चंदन का जहाज उसके जहाज के आगे चल रहा था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से गलत जानकारियों को सुधारा जा रहा है। इस तरह की गलत जानकारियों को भी हम सिलेबस से हटाएंगे।
बता दें कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय बन गया है, जो विद्यार्थियों को आनलाइन अंकसूची और डिग्री प्रदान करेगा। दीक्षा समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री. मोहन यादव ने डिजिटल मार्कशीट और डिग्री वितरण प्रणाली का शुभारंभ किया।