ग्वालियर, जेएनएन। पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवार जीत के लिए लोगों की अलग-अलग तरह की फरमाइशों को भी पूरा करने में लगे हैं। अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं, पैसा भी खब खर्च कर रहे हैं। मालूम हो कि 25 जून को मतदान होना है, अब दो दिन शेष हैं। उम्मीदवार जीत के लिए लोगों की अलग-अलग तरह फरमाइशों को भी पूरा करने लगे हैं। अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं, पैसा भी खब खर्च कर रहे हैं। ऐसे में प्रत्याशियों व कार्यकर्ताओं ने गांव में जाकर ताकत झोंक दी है।
मालूम हो कि प्रदेश में आठ साल बाद पंचायत चुनाव हो रहे हैं। पिछले चुनावों में चुने गए सरपंचों को आठ साल का कार्यकाल मिला है। इन लंबे कार्य पंचायतों में लाखों रुपये के कार्य हुए, जिसको लेकर सरपंच के चुनाव में लोगों की दिलचस्पी अधिक बढ़ गई। दूसरी और नेता मतदाताओं राशन से लेकर पशुओं के लिए भूसा तक दिलवाने के वादे कर रहे हैं। वहीं , मतदाता भी इस मौके का फायदा लेने से नहीं चूक रहे। जिला पंचायत व जनपद पंचायत के सदस्यों का चुनाव प्रचार भी जोर पकड़े हुए हैं। ये उम्मीदवार भी पैसा खर्च करने में पीछे नहीं है।
जानकारी हो कि इस बार प्रचार का तरीका भी काफी बदल गया है, देर रात तक बैठकों का दौर जारी है। जिले में 255 पंचायतें हैं, जिनमें सरपंच चुने जाने हैं। साथ ही जिला पंचायत व जनपद पंचायत के लिए भी वोट डाले जाएंगे।
उम्मीदवार जीतने के लिए अपना रहे यह हथकंडे
इंटनेट मीडिया सबसे ज्यादा प्रभावी दिख रही हैं। गांव में वाट्सएप ग्रुप बनाकर चुनाव प्रचार किया जा रहा है। इंटरनेट मीडिया के दूसरे साधनों का भी उपयोग किया रहा है। प्रचार को लाइव भी दिखाया जा रहा है।
जिला पंचायत व जनपद पंचायत के उम्मीदवार रिश्तेदारों के माध्यम से मतदाता के घर पहुंच रहे हैं।
सरपंच चुनाव में वोट पाने के लिए नेता मतदाताओं को पैसे से लेकर जरूरत का सामान भी उपलब्ध करा रहे हैं। यही नहीं कूलर, भूसा, अनाज सहित अन्य सामान भी दिया जा रहा है।
इन माध्यमों से किया जा रहा प्रचाऱनि सरपंच उम्मीदवारों ने ट्रैक्टर पर माइक लगा लिए हैं और गावं में घूम रहे हैं। पर्चे भी चिपाए जा रहे हैं।
ताकत दिखाने के लिए डोर टू डोर प्रचार किए जा रहे है और भीड़ जुटाई जा रही है।
जिला पंचायत व जनपद पंचायत के उम्मीदवार डीजे के अपने वार्ड में प्रचार कर रहे हैं।
रात में पार्टियों का जोर चल रहा है, शराब व खाना तक परोसा जा रहा है।
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