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Third Wave Of Corona: कोरोना के तीसरी लहर से मरने वालों में ज्यादातर हाइपरटेंशन या दूसरी बीमारियों से पीड़ित लोग

विशेषज्ञों के अनुसार अभी वही मरीज गंभीर हो रहे हैं जिन्हें दूसरी बीमारियां हैं टीका नहीं लगा है या फिर इलाज के लिए देरी से पहुंच रहे हैं। यही कह सकते हैं कि सतर्कता रखी जाए तो मौतों की संख्या कम हो सकती है।

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 10:50 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 10:50 AM (IST)
Third Wave Of Corona: कोरोना के तीसरी लहर से मरने वालों में ज्यादातर हाइपरटेंशन या दूसरी बीमारियों से पीड़ित लोग
कोरोना के तीसरी लहर से मरने वालों में ज्यादातर हाइपरटेंशन या दूसरी बीमारियों से पीड़ित लोग

भोपाल, जेएनएन। मध्यप्रदेश में तीसरी लहर में कोरोना से जान गंवाने वाले मरीजों में 95 फीसद (35 मरीज) ऐसे थे, जिन्हें कोरोना के अलावा दूसरी बीमारियां भी थी। इनमें सबसे अधिक 10 मरीज हाइपरटेंशन से पीड़ित थे। हृदय रोग विशेषज्ञ का कहना है कि हाइपरटेंशन से लंबे समय से पीड़ित लोगों के अहम अंगों में कुछ न कुछ नुकसान हो चुका होता है। यही वजह है कि कोरोना या दूसरी बीमारी होने पर उन्हें स्वस्थ होने में समय लगता है। कई बार हालत गंभीर भी हो जाती है। हां, ऐसा नहीं कि हाइपरटेंशन सीधे तौर पर कोरोना मरीजों की मौत के लिए जिम्मेदार है।

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जानकारी हो कि स्वास्थ विभाग द्वारा मौतों की आडिट की गई, जिसमें यह जानकारी सामने आई है कि मृतकों में 81 फीसद पुरुष और 19 फीसद महिलाएं हैं। कोरोना की तीसरी लहर में एक से 23 जनवरी के बीच 37 मरीजों की मौत हुई है। मरने वालों में 50 फीसद मरीज 51 से 80 साल की उम्र के थे। 20 साल से कम उम्र के भी दो मरीज थे। ग्वालियर में पांच दिन की बच्ची की मौत भी हो चुकी है। उसे और कोई बीमारी भी नहीं थी। मृतकों में पांच फीसद (दो मरीज) ऐसे थे जिन्हें कोरोना के अलावा और कोई बीमारी नहीं थी फिर भी संक्रमण के चलते उनकी हालत बिगड़ी और बच नहीं पाए। दूसरी लहर में यह आंकड़ा पांच फीसद की जगह 30 फीसद तक रहा। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि कोरोना की दूसरी लहर जैसे गंभीर संक्रमण नहीं है।

छाती व श्वास रोग विशेषज्ञों के अनुसार अभी वही मरीज गंभीर हो रहे हैं जिन्हें दूसरी बीमारियां हैं, टीका नहीं लगा है या फिर इलाज के लिए देरी से पहुंच रहे हैं। यही कह सकते हैं कि सतर्कता रखी जाए तो मौतों की संख्या कम हो सकती है। दूसरी बीमारियों से पीड़ित लोगों को हमेशा यही सलाह दी जाती है कि वह जांच कराने में देरी न करें। न ही इलाज शुरू करने में देरी करें।

कुल 37 मरीजों में कितने को क्या बीमारी थी

हाइपरटेंशन-- 18 मरीज

डायबिटीज-- 10 मरीज

अस्थमा एवं सीओपीडी-8

हृदय संबंध्ाी बीमारी-- 2

किडनी की बीमारी--2

लिवर की पुरानी बीमारी -2

फेफड़े का कैंसर- 1

फेफड़े की टीबी-- 1

नोट- इनमें कई मरीजों को एक साथ कई बीमारियां थी। पांच मरीज ऐसे हैं जो एक साथ चार गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे।

मृतकों में किस उम्र वर्ग के कितने थे

उम्र वर्ग -- कुल मौत-- कुल मौतों में प्रतिशत

20 वर्ष से कम-- 2--5 फीसद

21 से 50 वर्ष -- 10-- 27 फीसद

51 से 80 वर्ष-- 19-- 52 फीसद

80 साल से अधिक--6--16 फीसद

मृतकों में पुरुष-- 81 फीसद

मृतकों में महिलाएं--19 फीसद

किस जिले में कितने मरीजों की मौत

-इंदौर--10

भोपाल- 5

जबलपुर--6

ग्वालियर--4

सागर-- 3

खरगोन--2

उज्जैन--2

बड़वानी-- 1

सीहोर--1

विदिशा--1

छतरपुर-- 1

रीवा--1


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