Madhya Pradesh: भोपाल के सरकारी स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा से दुष्कर्म
Madhya Pradesh भोपाल के कोहेफिजा थाना इलाके के एक कवर्ड कैंपस वाले सरकारी स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। इस मामले में स्कूल परिसर में रहने वाले एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में भोपाल के कोहेफिजा थाना इलाके के एक कवर्ड कैंपस वाले सरकारी स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। इस मामले में स्कूल परिसर में रहने वाले एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित की पत्नी स्कूल में साफ-सफाई का काम करती है।
स्कूल में मचा हड़कंप
कोहेफिजा थाना प्रभारी विजय सिंह सिसोदिया ने बताया कि मूलत : सागर जिले के निवासी एक व्यक्ति ने अपनी साढ़े आठ साल की बेटी का दाखिला पिछले दिनों यहां सरकारी स्कूल में कराया था। शुक्रवार दोपहर करीब डेढ़ बजे छात्रा स्कूल परिसर में बने बाथरूम में गई थी। तभी एक युवक ने उसे पकड़ लिया। उसकी आंख बंद कर उसे स्कूल के पिछले हिस्से में ले गया और दुष्कर्म किया। बालिका किसी तरह उसके चंगुल से छूटकर आई। शिक्षक को घटना के बारे में बताया तो हड़कंप मच गया। पूछताछ में बालिका ने शिक्षक को बताया कि पीली शर्ट पहने हुए एक अंकल ने दुष्कर्म किया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची।
पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपित
जांच में पता चला कि स्कूल में सीसीटीवी तो लगे हैं, लेकिन खराब पड़े हैं। इस मामले में पुलिस ने स्कूल के कर्मचारियों से पूछताछ की। बालिका के बताए हुलिए पर आरोपित की खोज शुरू हुई। इस बीच, पता चला कि स्कूल परिसर में रहने वाला लक्ष्मी नारायण घर से गायब हो गया है। वह पीली शर्ट पहने भी देखा गया था। पुलिस ने कुछ देर बाद ही लक्ष्मी नारायण को पकड़ लिया। पूछताछ ने उसने दुष्कर्म करने की बात स्वीकार की। लक्ष्मी नारायण की पत्नी स्कूल में सफाई कर्मचारी का काम करती है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपितों माधव नगर कटनी निवासी यश सहगल पिता संजय कुमार सहगल व सक्षम भसीन पिता विनय भसीन को विशेष अदालत से मिली जमानत निरस्त कर दी थी। साथ ही, दोनों को सक्षम न्यायालय के समक्ष सरेंडर करने के निर्देश दे दिए। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता की बेटी जब महज नौ साल की थी, आरोपितों ने तब से उसके साथ दुष्कर्म शुरू किया था। कोर्ट ने साफ किया कि जब तक अभियोजन साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया पूरी नहीं कर देता आरोपितों का जेल में रहना ही न्यायहित में होगा।