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कभी दिग्विजय सिंह का आश्रय पाकर राजनीति में हाथ-पांव मारने वाला मिर्ची बाबा अब कांग्रेस के लिए ही बना मुसीबत

MP News मध्य प्रदेश उपचुनाव में अपने कुछ अनुयायियों के साथ प्रदेश भर में कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में उसने प्रचार किया था। उसका दावा था कि योग्य व जिताऊ उम्मीदवारों की रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी भी उसे सौंपी गई है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 09:30 AM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 09:30 AM (IST)
कभी दिग्विजय सिंह का आश्रय पाकर राजनीति में हाथ-पांव मारने वाला मिर्ची बाबा अब कांग्रेस के लिए ही बना मुसीबत
पुलिस की गिरफ्त में मिर्ची बाबा। फाइल

भोपाल, संजय मिश्र। कभी दिग्विजय सिंह तो कभी कमल नाथ का आश्रय पाकर राजनीति में हाथ-पांव मारने वाला मिर्ची बाबा अब कांग्रेस के लिए ही मुसीबत बन गया है। रायसेन की एक महिला के साथ दुष्कर्म के आरोप में उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया है। यह वही मिर्ची बाबा है जो पिछले लोकसभा चुनाव में भोपाल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की जीत के लिए पांच क्विंटल मिर्ची से यज्ञ करके चर्चा में आया था। उसने दावा किया था कि यदि दिग्विजय की जीत नहीं होती है तो जलसमाधि ले लेगा। दिग्विजय चुनाव हार गए, लेकिन उसने यह कहते हुए अपना बचाव किया था कि भक्त नहीं चाहते कि वह जलसमाधि ले। लोगों ने जब फोन करके सवाल पूछे तो उसने आत्महत्या के लिए उकसाने की शिकायत पुलिस से कर दी थी।

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इस घटना की इतनी चर्चा हुई कि मध्य प्रदेश के बाहर भी लोग उसे मिर्ची बाबा के नाम से जानने लगे। अपने ‘बयान और बवाल’ के जरिये वह अक्सर सुर्खियां बटोरता रहा। अचानक वह कांग्रेस नेताओं के लिए एक ऐसा मोहरा बन गया, जिसे राज्य के विभिन्न हिस्सों में समय-समय पर आजमाया जाता रहा। पिछले कुछ वर्षो से वह कमल नाथ का करीबी हो गया था। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का बड़ा चेहरा बनने की कोशिश में जुटा मिर्ची बाबा का बम उसके कर्मो के कारण समय से पहले ही फूट गया है, जिसके छींटे कांग्रेस पर ही पड़ रहे हैं।

धीरे धीरे उसने ऐसा चोला अपनाया कि लोगों को लगने लगा कि वह बड़े नेताओं का पसंदीदा तांत्रिक है। इसी चोले के कारण पिछले माह के दूसरे पखवाड़े में रायसेन की एक महिला उसके जाल में फंस गई। संतान प्राप्ति के लिए तांत्रिक क्रिया करने के नाम पर उसने नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। होश आने पर जब महिला ने आपत्ति की तो बाबा ने फटकारते हुए कहा कि वह घबराए नहीं, उसे पुत्र की प्राप्ति होगी। यह घिनौना सच सामने आने के बाद नौ अगस्त को पुलिस ने मिर्ची बाबा को ग्वालियर से गिरफ्तार कर लिया। राज्य के हर हिस्से में उसके इस शर्मनाक आचरण की लोग निंदा कर रहे हैं, लेकिन उसे संत बताकर मंचों पर स्थान देने वाली कांग्रेस के नेता चुप्पी साधे हैं।

दरअसल, रायसेन की जिस महिला ने दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई है उसे शादी के सात साल बाद भी कोई संतान नहीं हुई। वह तनाव में रह रही थी। एक दिन उसने दीवार पर मिर्ची बाबा के करिश्मे का पोस्टर लगा देखा। उस पर लिखे मोबाइल फोन नंबर पर बात कर उसने पूजा-पाठ कराने के लिए मिर्ची बाबा से मिलने की इच्छा व्यक्त की। मिर्ची बाबा ने पास आने पर ही दवा देने की बात कही। वह 17 जुलाई को दवा लेने भोपाल के मिनाल रेसीडेंसी में मिर्ची बाबा के निवास पर पहुंची। पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार बाबा ने उसे मकान की दूसरी मंजिल पर बने कमरे में बुलाया। कुछ देर बात करने के बाद कोई दवा खिला दी, जिससे वह बेसुध हो गई। फिर बाबा ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसकी जानकारी पति को मिली तो उसने महिला को घर से निकाल दिया। महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की तो मिर्ची बाबा ने फोन करके धमकाया। हिम्मत करके उस महिला ने आठ अगस्त को पुलिस में रिपोर्ट की। अगले दिन पुलिस ने बिना देर किए मिर्ची बाबा को गिरफ्तार कर लिया। बाबा के स्मार्ट फोन में कई आपत्तिजनक क्लिपिंग भी मिली हैं।

ऐसा नहीं है कि मिर्ची बाबा पहली बार किसी विवाद में पड़ा है। उसका तो विवादों से गहरा नाता रहा है। ग्वालियर में उसने अपने ऊपर दो बार हमला किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। कांग्रेस का टिकट दिलाने के नाम पर कई लोगों से उगाही करने तक के आरोप उस पर लगते रहे हैं। चर्चा में आने से पहले मिर्ची बाबा अपना नाम स्वामी वैराग्यानंद गिरि लिखता था, लेकिन उसका यह नाम ज्यादातर लोग नहीं जानते। पिछले एक साल से ग्वालियर अंचल की राजनीति में अपना दबदबा बनाने के लिए जोर लगा रहा था। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से नजदीकी बढ़ाकर उसने स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भी धौंस जमा रखी थी। विधानसभा के उपचुनावों में कांग्रेस के मंचों पर वह किसी नामचीन राजनीतिक हस्ती की तरह विराजमान होता था। बड़े नेताओं से नजदीकी के कारण ही कांग्रेसी उससे जुड़ते गए और उसका दरबार सजता गया। ग्वालियर-चंबल अंचल में गो-रक्षा आंदोलन के नाम पर उस पर उगाही करने के आरोप लग चुके हैं। उपचुनाव में अपने कुछ अनुयायियों के साथ प्रदेश भर में कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में उसने प्रचार किया था। उसका दावा था कि योग्य व जिताऊ उम्मीदवारों की रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी भी उसे सौंपी गई है। टिकट दिलाने के नाम पर उगाही के कारण मुरैना में उसके साथ मारपीट की गई थी।

[स्थानीय संपादक, नवदुनिया, भोपाल]


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