Madhya Pradesh News: पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखाने गई दुष्कर्म पीड़िता की पिटाई, बेहोश हाेने तक बरसाए गए पट्टे
पीड़ित बच्ची 27 अगस्त को लापता हो गई थी। कोतवाली थाना पुलिस ने 28 अगस्त को गुमशुदगी दर्ज की। 30 अगस्त को बच्ची किसी तरह घर पहुंची। उसने मां को बताया कि उसका दुष्कर्म किया गया है। मां बच्ची को साथ लेकर रात में ही थाने पहुंची थी। पढ़ें विस्तार-
छतरपुर, जेएनएन। मध्य प्रदेश में छतरपुर के शहर कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत 13 वर्षीय अनुसूचित जाति की बच्ची को अपहरण कर दुष्कर्म किया गया। तीन दिन बाद बच्ची जब कोतवाली थाने पहुंची तो वहां स्टाफ ने बयान बदलने के लिए बच्ची को बेहोश होने तक पट्टे और लातों से मारा।
बच्ची ने बाल कल्याण समिति की न्यायपीठ को यह बयान दिया है, जिसके बाद न्यायपीठ ने कलेक्टर संदीप जीआर को पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। एसपी सचिन शर्मा का कहना है कि अपहरण और दुष्कर्म के आरोपित बाबू खां को गिरफ्तार किया गया है। थाना स्टाफ पर जो आरोप लगाए गए हैं, उनकी एएसपी से जांच करवा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, शहर में रहने वाली उक्त बच्ची 27 अगस्त को लापता हो गई थी। कोतवाली थाना पुलिस ने 28 अगस्त को गुमशुदगी दर्ज की। 30 अगस्त को बच्ची किसी तरह घर पहुंची। उसने मां को बताया कि उसे अगवा कर दुष्कर्म किया गया है। मां बच्ची को साथ लेकर रात में ही थाने पहुंची। पुलिस ने दो सितंबर को बच्ची को बाल कल्याण समिति में पेश किया।
बच्ची के घर काउंसलिंग के लिए पहुंची बाल कल्याण समिति
बच्ची ने समिति को बताया कि थाने में नीली वर्दी पहने महिला पुलिसकर्मी और एक पुलिस अधिकारी ने बयान बदलने के लिए उसे बेहोश होने तक पीटा। मां ने पानी से मुंह धुलाया तो होश आया। बच्ची के बयानों के बाद बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष जगदीश सोनी, सदस्य अख्तर जहां, सौरभ भटनागर की न्यायपीठ तीन सितंबर की रात बच्ची के घर काउंसलिंग के लिए गई।
इसी दौरान यहां कोतवाली टीआइ अनूप यादव आरोपित बाबू खां को शिनाख्त के लिए लेकर पहुंचे। यहां टीआइ और न्यायपीठ से बहसबाजी भी हुई। न्यायपीठ ने फोन कर कलेक्टर संदीप जीआर को घटनाक्रम की जानकारी दी, वहीं चार सितंबर को बंगले पर जाकर कलेक्टर को पुलिस पर कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन दिया। कलेक्टर ने यह प्रतिवेदन एडीएम को भिजवाया है। एडीएम प्रताप सिंह चौहान का कहना है कि इस मामले में प्रशासन की ओर से जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
टीआइ ने मारपीट की बात को खारिज किया
कोतवाली टीआइ का कहना है कि वे पीड़िता के भाई के बयान लेने गए थे, लेकिन बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने रोका। टीआइ के मुताबिक उन्होंने जांच में हस्तक्षेप नहीं करने की बात कही तो इसी को लेकर मारपीट का झूठा बयान प्रसारित किया जा रहा है।