Madhya Pradesh: मप्र में कमल नाथ ने नेता प्रतिपक्ष पद छोड़ा, डा. गोविंद सिंह को मिली जिम्मेदारी
Madhya Pradesh मध्य प्रदेश में दोहरी भूमिका निभा रहे पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने एक पद छोड़ दिया है। वह अब सिर्फ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहेंगे। नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी पार्टी ने वरिष्ठ विधायक डा. गोविंद सिंह को सौंप दी गई है।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की दोहरी भूमिका निभा रहे पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने एक पद छोड़ दिया है। वह अब सिर्फ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहेंगे। नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी पार्टी ने वरिष्ठ विधायक डा. गोविंद सिंह को सौंप दी गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को इस आशय का पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कमल नाथ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। डा. गोविंद सिंह के नाम का प्रस्ताव कमल नाथ ने ही रखा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। उक्त निर्णय से पार्टी ने यह भी साफ कर दिया है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र उसकी प्राथमिकता में रहेगा।
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर जाने के बाद से पार्टी वहां दमदार चेहरे की तलाश में थी। डा. गोविंद सिंह इसी क्षेत्र से आते हैं और उनकी छवि तेजतर्रार नेता की है। वह बिना लागलपेट अपनी बात करने के लिए चर्चित हैं। दूसरा, दो पदों पर रहने के कारण भाजपा भी हमेशा कमल नाथ पर निशाना साधती रही है। कमल नाथ ने भी कई बार यह बात कही थी कि उन्हें पद का लोभ नहीं है। पार्टी नेतृत्व ने उन्हें यह जिम्मेदारी दी है और जब कहा जाएगा तो वह पद छोड़ देंगे, लेकिन मध्य प्रदेश में ही रहेंगे। पिछले दिनों संगठन और चुनाव की तैयारियों को लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से हुई कई दौर की चर्चा के बाद उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा सौंप दिया।
सात बार के विधायक हैं डा. गोविंद सिंह
मूलरूप से समाजवादी नेता डा. गोविंद सिंह लगातार सात बार के विधायक हैं और पार्टी के मुख्य सचेतक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वह 1990 में पहली बार भिंड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र से जनता दल की टिकट पर निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वह कांग्रेस में आ गए थे।
चुनाव की तैयारियों में जुटेंगे कमल नाथ
सूत्रों का कहना है कि कमल नाथ अब पूरी तरह से विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटेंगे। उन्होंने विभिन्न समितियां भी गठित कर दी हैं। जिला स्तर पर बूथ, सेक्टर और मंडल के पदाधिकारियों के साथ उनकी बैठकों का सिलसिला भी शुरू होने वाला है। एक मई को उन्होंने राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक भी बुलाई है।
दिग्विजय समर्थकों का बढ़ा प्रभाव
डा.गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद संगठन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समर्थकों का प्रभाव बढ़ता हुआ माना जा रहा है। प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष विभा पटेल, युवा कांग्रेस अध्यक्ष डा.विक्रांत भूरिया भी दिग्विजय सिंह के समर्थक माने जाते हैं। इस बीच, डा.गोविंद सिंह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुभकामनाएं दी हैं।
सुनने में आया है कि... नेता प्रतिपक्ष का पद छिनने के बाद अब पीसीसी चीफ़ की कुर्सी भी जाने वाली है! ”बकवास” भारी पड़ी! - BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) 28 Apr 2022