Move to Jagran APP

Monkeypox Alert in MP: मंकीपाक्स बीमारी 15 देशों तक पहुंची, नरोत्तम मिश्रा ने जिलों को सतर्कता बरतने के दिए निर्देश

Monkeypox Alert in MP गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में मंकीपॉक्स का कोई भी केस मध्यप्रदेश में नहीं है। सभी जिलों को मंकीपॉक्स को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। मिश्रा ने राहुल गांधी न राम के हैं और न राष्ट्र के हैं।

By Priti JhaEdited By: Published: Mon, 23 May 2022 03:11 PM (IST)Updated: Mon, 23 May 2022 03:31 PM (IST)
Monkeypox Alert in MP: मंकीपाक्स बीमारी 15 देशों तक पहुंची, नरोत्तम मिश्रा ने जिलों को सतर्कता बरतने के दिए निर्देश
Monkeypox Alert in MP: नरोत्तम मिश्रा ने सभी जिलों में मंकीपाक्स को लेकर सतर्कता बरतने के दिए निर्देश

भोपाल, जेएनएन । मंकीपॉक्स का इजरायल तथा ऑस्ट्रेलिया में भी मामलों की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही अब तक 15 देशों में यह बीमारी फैल चुकी है। इससे पहले शनिवार को स्विट्जरलैंड में मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि हुई थी। नीदरलैंड के स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी शनिवार को के कई मामले मिलने की पुष्टि की थी। यहां शुक्रवार को पहला मामला मिला था। इससे पहले यूरोप, अमेरिका, कनाडा और आस्ट्रेलिया में हाल के प्रकोप में 80 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है। ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के अनुसार अधिकांश संक्रमित लोग कुछ हफ्तों के भीतर ठीक हो जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि कई अन्य संदिग्ध मामलों की जांच की जा रही है।

loksabha election banner

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि सभी जिलों में मंकीपाक्स को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। वर्तमान में प्रदेश में मंकीपाक्स का कोई भी केस नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 32 नए केस आए हैं, वहीं 22 मरीज ठीक हुए हैं। वर्तमान में प्रदेश में कुल एक्टिव केस 275, संक्रमण दर 0.53 प्रतिशत और रिकवरी रेट 98.70% है। गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में मंकीपॉक्स का कोई भी केस मध्यप्रदेश में नहीं है। सभी जिलों को मंकीपॉक्स को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

मंकीपाक्स बीमारी 15 देशों तक पहुंची

जर्मनी में रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता ने मंकीपॉक्स को एक महामारी के रूप में वर्णित किया है, हालांकि वैज्ञानिकों का यह भी मानना ​​है कि मंकीपॉक्स का प्रकोप कोविड-19 जैसी महामारी में विकसित नहीं होगा क्योंकि यह वायरस सार्स-सीओवी-2 जितनी आसानी से नहीं फैलता है। यह बहुत कम संभावना है कि यह महामारी लंबे समय तक चलेगी।

मंकीपॉक्स के मरीजों का आसानी से पता लगाया जा सकता है और इसके इलाज के लिए दवाएं और प्रभावी टीके भी हैं। इससे पहले केंद्र ने नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) को अलर्ट जारी कर विदेश में मंकीपॉक्स के मामलों की स्थिति पर कड़ी नजर रखने को कहा है।

यूरोप में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच संक्रामक रोग विशेषज्ञ ने कहा है कि इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। उनके अनुसार, इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। हमें यह अध्ययन करने की आवश्यकता है कि यह कैसे विकसित हो रहा है। कितने लोग प्रभावित हो रहे हैं? इस समय हम नहीं जानते कि वास्तव में कितने लोग इस बीमारी से मर रहे हैं। हम इसका इलाज नहीं जानते। शायद चेचक के टीके को उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.