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Madhya Pradesh: भाजपा बोली अब कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में खिलेगा कमल, कांग्रेस नेता बोले- ये दूर की कौड़ी, बताया इसके पीछे का कारण

Madhya Pradesh पार्टी ने वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए छिंदवाड़ा को आकांक्षी सीट की श्रेणी में रखा है। गौरतलब है कि 1980 के बाद से छिंदवाड़ा में केवल एक उपचुनाव ऐसा रहा है जिसमें सुंदरलाल पटवा के हाथों कमल नाथ को पराजय मिली थी।

By Jagran NewsEdited By: Vinay Kumar TiwariPublished: Wed, 05 Oct 2022 04:03 PM (IST)Updated: Wed, 05 Oct 2022 04:03 PM (IST)
Madhya Pradesh: भाजपा बोली अब कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में खिलेगा कमल, कांग्रेस नेता बोले- ये दूर की कौड़ी, बताया इसके पीछे का कारण
Madhya Pradesh: चुनाव में भाजपा ने कमल नाथ के इस गढ़ में सेंध लगाने में सफलता प्राप्त की है।

भोपाल, राज्य ब्यूरो। Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश का छिंदवाड़ा जिला पिछले 40 साल से कमल नाथ (Kamal Nath)का गढ़ है। वह यहां से लंबे समय तक सांसद रहे और अब विधायक हैं। उनके पुत्र नकुल नाथ(Nakul Nath) सांसद हैं। जिले की सभी सात विधानसभा सीटें कांग्रेस (Congress)के पास हैं। नगर निगम में महापौर और जिला पंचायत अध्यक्ष भी कांग्रेस का ही है, लेकिन हाल ही में छह नगरीय निकायों के चुनाव में भाजपा ने कमल नाथ के इस गढ़ में सेंध लगाने में सफलता प्राप्त की है।

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छह निकायों में से चार पर पार्टी प्रत्याशियों को जीत मिली है। इससे भाजपा गदगद है और प्रभारी मंत्री कमल पटेल (Kamal Patel) दावा करते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा (Chindwada)में कमल खिलेगा। वहीं, कांग्रेस(Congress) के नेता इसे दूर की कौड़ी बताते हुए परिणामों की समीक्षा करने की बात कह रहे हैं।

दरअसल, दोनों ही दल जानते हैं कि छिंदवाड़ा का असर बैतूल, बालाघाट, सिवनी, नरसिंहपुर सहित अन्य जिलों की सियासत पर पड़ता है, इसलिए कोई भी आगामी विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिले की सभी सात (छिंदवाड़ा, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, चौरई, सौंसर, परासिया और पांढुर्ना) विधानसभा सीटें जीती थीं।

कमल नाथ मुख्यमंत्री बने तो छिंदवाड़ा से विधायक दीपक सक्सेना ने त्यागपत्र देकर सीट खाली कर दी और उप चुनाव में कमल नाथ ने जीत दर्ज की। इसके बाद नगरीय निकाय के चुनाव हुए। इसमें नगर निगम छिंदवाड़ा का महापौर कांग्रेस का चुना गया। इसी तरह जिला पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष कांग्रेस के बने।

पिछले दिनों छह नगर निकायों के चुनाव हुए। इसमें चार सौंसर, जुन्नारदेव, मोहगांव हवेली और दमुआ में भाजपा ने बहुमत प्राप्त किया। सौंसर में दस साल से कांग्रेस का कब्जा था। यहां अब कांग्रेस का एक भी पार्षद नहीं है। जुन्नारदेव में 11 और मोहगांव हवेली में नौ पार्षद भाजपा के जीते हैं। दमुआ में मुकाबला कांटे का रहा। यहां भाजपा के नौ और कांग्रेस के आठ पार्षद निर्वाचित हुए हैं। एक निर्दलीय जीता है।

हर्रई में भाजपा (BJP) को करारी हार का सामना करना पड़ा। यहां 15 स्थानों में से केवल एक पर पार्टी प्रत्याशी जीता है। 13 पार्षद कांग्रेस के निर्वाचित हुए हैं। निकाय चुनाव के परिणामों से संतुष्ट भाजपा अब मिशन 2023 की तैयारी में जुटी है। भाजपा के प्रभारी मंत्री कमल पटेल (Kamal Patel)कहते हैं कि बूथ सशक्तिकरण अभियान के माध्यम से एक-एक मतदाता तक पहुंचने का काम चल रहा है।

कार्यकर्ता उत्साहित हैं और 2023 के विधानसभा चुनाव में परिणाम भाजपा के पक्ष में आएंगे। वहीं, प्रदेश कांग्रेस परिणामों की समीक्षा करेगी। जिला कांग्रेस अध्यक्ष विश्वनाथ ओकटे का कहना है कि दमुआ, जामई सहित अन्य निकायों में पार्टी के कई प्रत्याशी बेहद कम मतों के अंतर से पराजित हुए हैं। भाजपा ने चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग किया और जमकर धनराशि बांटी। कांग्रेस का कार्यकर्ता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के नेतृत्व में एकजुट है और आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा का सबक सिखाएगा।

कुल मिलाकर देखा जाए तो परिणाम भाजपा को संतोष प्रदान करने वाले हैं क्योंकि पार्टी ने वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए ¨छदवाड़ा को आकांक्षी सीट की श्रेणी में रखा है। गौरतलब है कि 1980 के बाद से ¨छदवाड़ा में केवल एक उपचुनाव ऐसा रहा है, जिसमें सुंदरलाल पटवा के हाथों कमल नाथ को पराजय मिली थी।


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