EOW Raid in Jabalpur: छापेमारी की सूचना का लीक होना गंभीर मामला, विभीषण की तलाश में ईओडब्ल्यू अधिकारी
EOW Raid in Jabalpur ईओडब्ल्यू का कहना है कि छापामार कार्रवाई से पहले छापेमारी की सूचना का लीक होना और इसकी सूचना संबंधित आरोपियों तक पहुंचना बेहद गंभीर मामला है। विभीषण का पता लगाने के लिए ईओडब्ल्यू अधिकारियों ने गुप्त जांच शुरू कर दी है।
जबलपुर, जागरण आनलाइन डेस्क। EOW Raid in Jabalpur: आरटीओ संतोष पाल (RTO Santosh Pal) के घर पर ईओडब्ल्यू की छापेमारी से पहले ही इस बात को लेकर हड़कंप मच गया है कि छापेमारी की सूचना आरटीओ तक कैसे पहुंची। छापामार कार्रवाई से पहले किस अधिकारी-कर्मचारी को इसकी जानकारी थी, इस पर सवाल उठे हैं।
जानकारी लीक होना बेहद गंभीर मामला
इतनी गोपनीयता बनाए रखने के बाद भी इतनी महत्वपूर्ण जानकारी लीक करना बेहद गंभीर मामला है। अगर आगे भी ऐसा होता है तो किसी भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं होगी और भ्रष्टाचार से जुड़ी जांच एजेंसियों से लोगों का भरोसा भी खत्म हो जाएगा।
गुप्त जांच शुरू
ईओडब्ल्यू सूत्रों का कहना है कि छापामार कार्रवाई से पहले छापेमारी की सूचना का लीक होना और इसकी सूचना संबंधित आरोपियों तक पहुंचना बेहद गंभीर मामला है। इसकी तह तक जाने और छापेमारी की सूचना आरटीओ को देने वाले विभीषण का पता लगाने के लिए ईओडब्ल्यू अधिकारियों ने गुप्त जांच शुरू कर दी है।
घर से जब्त दस्तावेजों की जांच
कार्रवाई में शामिल सभी अधिकारी-कर्मचारी और कार्रवाई से पहले जिन अधिकारी-कर्मचारियों को इसकी जानकारी थी, उन सभी को गोपनीय तरीके से शुरू किया गया है। वहीं, छुट्टी होने के कारण ईओडब्ल्यू की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी।
अधिकारी अब कार्यालय खुलने का इंतजार कर रहे हैं। जिसके बाद आरटीओ के घर से जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच की जाएगी और संबंधित अधिकारियों द्वारा इसकी संपत्ति का मूल्यांकन किया जाएगा।
रिश्तेदार की भूमिका पर उठे सवाल
आरटीओ पाल के घर पर ईओडब्ल्यू की छापामार कार्रवाई के बाद कई बातें सामने आने लगी हैं। अब यह भी चर्चा है कि आरटीओ संतोष पाल का एक रिश्तेदार जेल विभाग में कर्मचारी है, जो छापामार कार्रवाई से कुछ
समय पहले तक आरटीओ के घर पर मौजूद था और आरटीओ पाल के घर से सामान के निपटान में मदद करता था। इसकी भनक लगते ही ईओडब्ल्यू की टीम ने इसकी जांच शुरू कर दी है।