MP Monsoon: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित विभिन्न जिलों में हो रही वर्षा, फिर भी धूप निकलने पर सताने लगती उमस
मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून तीन दिन से स्थिर बना हुआ है। मानसून के आगे नहीं बढ़ने के कारण वर्षा की गतिविधियों में अभी कमी आएगी। इससे दिन के तापमान में बढ़ोतरी होगी।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित विभिन्न जिलों में बादल गरजने के साथ वर्षा हो रही है। बुधवार शाम को नए भोपाल शहर में गरज-चमक के साथ झमाझम बारिश हुई है। इस दौरान 17.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक गुरुवार को शहर में सुबह से धूप निकलने से उमस सताने लगी है। हालांकि दोपहर के बाद बादल छा सकते हैं और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून तीन दिन से स्थिर बना हुआ है। मानसून के आगे नहीं बढ़ने के कारण वर्षा की गतिविधियों में अभी कमी आएगी। इससे दिन के तापमान में बढ़ोतरी होगी। हालांकि तापमान बढ़ने से कहीं-कहीं गरज–चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना बनी रहेगी। उधर पिछले 24 घंटों के दौरान गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मंडला में 28, सतना में 25.8, खंडवा में 12, भोपाल (शहर) में 17.2, भोपाल (एयरपोर्ट) में 9.8, धार में 4.2, गुना में 3.1, रतलाम में 2.0, मलाजखंड में 1.5, सागर में 1.0, खरगोन में 0.6, इंदौर में 0.4, उज्जैन में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई है । राजगढ़ एवं ग्वालियर में बूंदाबांदी हुई है ।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना है। यहां पर एक द्रोणिका लाइन भी मौजूद है। उत्तर-पश्चिमी राजस्थान से बंगाल की खाड़ी तक एक द्रोणिका लाइन बनी हुई है। मानसून की उत्तरी सीमा पोरबंदर, बड़ौदा, शिवपुरी, रीवा और चुर्क से होकर गुजर रही है।
शुक्ला के मुताबिक बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर में कोई प्रभावी मौसम प्रणाली के सक्रिय नहीं रहने के कारण मानसून तीन दिन से ठहरा हुआ है। इस वजह से वर्षा की गतिविधियों में कमी आई है। इस तरह की स्थिति तीन-चार दिन तक बनी रहेगी। इस दौरान दिन का तापमान बढ़ेगा। साथ ही उमस भी सताएगी। 27 जून से वर्षा की गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है।
मालूम हो कि राजस्थान में एक प्रेरित चक्रवात भी बना हुआ है। महाराष्ट्र से केरल तक एक अपतटीय द्रोणिका लाइन है। झारखंड एवं उससे लगे ओडिशा पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इन छह मौसम प्रणालियों के असर से कुछ नमी आने के कारण राजधानी सहित मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा हो रही है।