भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहता है ISIS, प्रतिबंधित संगठन सिमी के गढ़ मध्य प्रदेश में तैयार कर रहा नेटवर्क
प्रतिबंधित संगठन सिमी का गढ़ रहे मध्य प्रदेश में आइएसआइएस अपना नेटवर्क तैयार कर रहा है। वह मुस्लिम युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें कट्टर बना रहा है। आइएसआइएस की मंशा भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की है। बता दें मध्य प्रदेश में पांच देश विरोधी संगठन हैं।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) का गढ़ रहे मध्य प्रदेश के बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन आदि जिलों में भी आइएसआइएस अपना नेटवर्क तैयार कर रहा था। संगठन की तरफ से ऐसे युवाओं की तलाश की जाती थी, जो सिमी के विचारधारा से प्रभावित रहे हैं। उन्हें बरगलाकर संगठन से जोड़ा जाता था। इसके बाद युवाओं को चोरी-छिपे प्रशिक्षण दिया जाता था, जिससे उन्हें कट्टर बनाया जा सके।
एनआइए ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने मध्य प्रदेश आतंकवाद विरोधी दस्ता (एटीएस) के साथ संयुक्त कार्रवाई में शनिवार को जबलपुर से देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया था। आरोपित मध्य प्रदेश में आइएसआइएस का नेटवर्क तैयार करने से लेकर हिंसक गतिविधियां की तैयारी में थे। एजेंसी ने पूछताछ के लिए इन्हें तीन जून तक हिरासत में लिया है।
भारत को बनाना चाहते थे मुस्लिम राष्ट्र
- गिरफ्तार आरोपितों के पास मिले दस्तावेजों से सामने आया है कि आइएसआइएस भारत को 2050 तक मुस्लिम राष्ट्र बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
- इसके लिए आरोपितों ने हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर मुस्लिम युवकों से शादी कराने की योजना भी बनाई थी।
- गिरफ्तार आरोपित ऐसे युवाओं को अपने साथ जोड़ रहे थे, जो दिखने में सुंदर हों, जिससे हिंदू लड़कियों से दोस्ती बढ़ा सकें।
- बताया जा रहा है कि इनके मोबाइल में हिंदू लड़कियों के नाम मिले हैं। इनकी योजना थी कि शादी के बाद हिंदू लड़कियों को गर्भवती कर छोड़ दिया जाए।
- यह लोग अपनी विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए कई यूट्यूब चैनल भी चला रहे थे।
- गिरफ्तार आरोपितों के अलावा 10 से अधिक संदिग्ध एनआइए के रडार पर हैं।
मध्य प्रदेश में पांच देश विरोधी संगठन
मध्य प्रदेश में वर्ष 2015 में सिमी का नेटवर्क सामने आया था। खंडवा इसका गढ़ था। प्रदेश के कई जिलों में सिमी ने अपना नेटवर्क तैयार कर लिया था। प्रदेश में सिमी की जमीन पर ही जेएमबी, पीएफआइ, हिज्ब-उत्- तहरीर और उसके बाद आइएसआइएस की सक्रियता सामने आई है। माना जा रहा है कि पुलिस के निशाने पर आने के बाद सिमी की विचारधारा से प्रभावित लोग ही दूसरे संगठनों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से काम कर रहे हैं।