Madhya Pradesh: ईशान बने जैन बाल मुनि आदित्यचंद्र सागर और पलक बनीं पंक्ति वर्षा श्रीजी
Madhya Pradesh मप्र के रतलाम में आचार्य जिनचंद्र सागर सूरीश्वर व शिष्यों की उपस्थिति में पलक और ईशान की विधि-विधान से दीक्षा हुई। अब ईशान बाल मुनि आदित्यचंद्र सागर और पलक पंक्ति वर्षा श्रीजी के नाम से पहचानी जाएंगी। अब दोनों गुरुओं के साथ धार्मिक स्थल पर रहेंगे।
रतलाम, जेएनएन। मध्य प्रदेश के रतलाम में गुरुवार को बालमुनि के रूप में साढ़े नौ साल के ईशान कोठारी व साध्वी के रूप में 14 वर्षीय पलक चाणोदिया की दीक्षा संपन्न हुई। ईशान अब बाल मुनि आदित्यचंद्र सागर और पलक अब साध्वी पंक्ति वर्षा श्रीजी के रूप में पहचानी जाएंगी। विजय तिलक के साथ ही दोनों वैरागियों का वीर पथ पर विजय प्रस्थान हुआ। शारीरिक अनुकूलता नहीं होने से पलक की जुड़वां बहन तनिष्का की दीक्षा नहीं हो पाई। तनिष्का की दीक्षा आगामी दिनों में होगी, तारीख अभी तय नहीं की गई है। बंधु बेलड़ी आचार्य जिनचंद्रसागर सूरीश्वर आदि श्रमण-श्रमणी वृंद की निश्रा में आगमोद्धारक वाटिका (जेएमडी पैलेस) सागोद रोड पर दीक्षा की यह विधि संपन्न हुई। इसी के साथ पांच दिवसीय दीक्षा पर्व का समापन हुआ। अब आचार्यश्री के 121 शिष्य-प्रशिष्य हो गए हैं। दोनों दीक्षार्थी स्वजनों व बैंड-बाजे के साथ दीक्षा स्थल पर पहुंचे। चल समारोह में ईशान को पिता कंधे पर बैठाकर चले, जबकि पलक को माता-पिता शोभा-संतोष चाणोदिया सहित स्वजन उत्साह के साथ लेकर पहुंचे।
खूब नाचे दोनों दीक्षार्थी
दो घंटे से अधिक समय तक चली प्रारंभिक क्रिया के बाद आचार्यश्री ने दोनों दीक्षार्थियों को रजोहरण प्रदान किया। दोनों रजोहरण हाथों में थामकर खूब नाचे। छह घंटे से अधिक समय तक दीक्षा पर्व चला। दोनों को संयम जीवन के दौरान उपयोग में आने वाली सामग्री व उपकरण परिवारों ने भेंट किए।
जिनशासन की सेवा में समर्पित रहेंगे दीक्षार्थी
ईशान ने कहा कि किसी बड़े लक्ष्य को पाने के लिए छोटी उम्र से प्रयास किए जाएं तो सफलता जरूर मिलती है। गुर भगवंत की प्रेरणा और माता-पिता की आज्ञा से संयम जीवन में प्रवेश का निर्णय लिया है। पलक ने बताया कि कुछ साल पहले चचेरे भाई प्रियचंद्र सागर, बड़ी बहन साध्वी प्रज्ञारत्ना श्रीजी, साध्वी चंद्रवर्षा श्रीजी की दीक्षाएं हुईं, तभी से मन में संयम जीवन के प्रति भाव जागे थे।। अब हम जिनशासन की सेवा में हमेशा समर्पित रहेंगे।
जानें, कौन हैं दीक्षार्थी
टाटानगर निवासी संतोष-शोभा चाणोदिया की 14 वर्षीय पुत्री जुड़वां बहनें पलक व तनिष्का ने कक्षा नौवीं तक पढ़ाई की है। मोहन टाकीज निवासी विशाल-पायल कोठारी के साढ़े नौ वर्षीय पुत्र ईशान ने कक्षा दूसरी तक पढ़ाई की है।