Indore News: कबाड़ से किया अनोखा जुगाड़ और सड़क पर उतारा पेड़ों का डाक्टर, उपकरणों के साथ तैनात रहेगी विशेषज्ञों की टीम
ट्री एंबुलेंस में हर प्रकार का कटर रखा गया है। एंबुलेंस में रखे पानी दवा और खाद के टैंक से जुड़े पाइप के माध्यम से 50 मीटर दूर तक लगे पौधों तक सेवा दी जा सकेगी। साथ ही 25 फीट ऊंचाई तक पेड़ों पर दवा का छिड़काव किया जा सकेगा।
इंदौर, उदय प्रताप सिंह। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में नगरीय निकाय नया प्रयोग करने जा रहा है। शहर में सड़कों के किनारे, डिवाइडर और शहरी उद्यान में लगे बीमार पौधों का इलाज अब ट्री एंबुलेंस करेगी। नगर निगम की टीम विशेषज्ञों और उपकरणों के साथ ट्री एंबुलेंस में तैनात रहेगी। यह न सिर्फ पेड़-पौधों को बचाने के लिए कटाई-छंटाई करेगी, बल्कि बीमार पौधों पर दवाई का छिड़काव भी करेगी।
एंबुलेंस की खास बातें
- पानी के 500 लीटर की दो टंकियां
- दवाई के लिए 200 लीटर का टैंक
- 300 लीटर के टैंक में तरल खाद
- बड़े व छोटे पौधों के लिए अलग-अलग कटर
- 25 फीट की ऊंचाई तक किया जा सकेगा छिड़काव
अनुपयोगी वस्तुओं से किया निर्माण
इंदौर नगर निगम के उद्यान विभाग ने ट्री-एंबुलेंस बनाने में 'कबाड़ से जुगाड़' तकनीक का इस्तेमाल किया है। यानी वर्कशाप की अनुपयोगी वस्तुओं से ये एंबुलेंस बनाई गई है। निगम के उद्यान विभाग में अभी तक पौधों के रखरखाव के लिए तीन पंचवटी वाहन मौजूद थे। इनमें उद्यान विभाग के कर्मचारी पौधों की कटाई-छंटाई के उपकरण व उद्यानों व डिवाइडर में लगाए जाने वाले पौधे ही ले जाते थे, जबकि ट्री एंबुलेंस में पानी की दो टंकियां, दवा व तरल खाद के लिए विशेष रूप से प्रबंध किया गया है। पंप के माध्यम से दवा का छिड़काव किया जाएगा।
पौधों की कटाई-छंटाई के लिए सारी व्यवस्था
ट्री एंबुलेंस में हर प्रकार का कटर रखा गया है। बड़ी टहनी काटने के लिए अलग कटर व छोटे पौधों की बडिंग करने के लिए अलग उपकरण रहेगा। ढाई फीट गहरा गड्ढा करने के लिए वाहन में एक 'डिगिंग मशीन' भी है। गैैंती-फावड़े भी रखे गए हैैं। एंबुलेंस में रखे पानी, दवा और खाद के टैंक से जुड़े पाइप के माध्यम से 50 मीटर दूर तक लगे पौधों तक सेवा दी जा सकेगी। साथ ही 25 फीट ऊंचाई तक पेड़ों पर दवा का छिड़काव किया जा सकेगा।
शहर में कई स्थानों पर पेड़ों में दीमक लग जाती है, जिससे वे जल्द गिर जाते हैं। निगम ऐसे पेड़ों का उपचार करेगा। ट्री एंबुलेंस आम लोगों के घरों व उद्यानों में लगे पेड़-पौधों के उपचार के लिए फोन काल पर उपलब्ध रहेगी। इसके लिए न्यूनतम शुल्क देना होगा।