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भोपाल के अस्‍पताल में कई डॉक्टर एवं नर्स कोविड के शिकार, इंदौर में मिले 2278 नए कोरोना संक्रमित

अस्पताल में 15 दिन के भीतर डॉक्टर नर्स वार्डबॉय टेक्नीशियन समेत 46 लोग पॉजिटिव आ चुके हैं। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल संक्रमित मरीजों में 5 डॉक्टर और 16 नर्स शामिल हैं।कोरोना का संक्रमण शुरू होने के बाद पहली बार है जब अस्पताल में इतने स्वास्थ्यकर्मी पॉजिटिव आए।

By Priti JhaEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 03:43 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 03:43 PM (IST)
भोपाल के अस्‍पताल में कई डॉक्टर एवं नर्स कोविड के शिकार, इंदौर में मिले 2278 नए कोरोना संक्रमित
भोपाल में अस्‍पताल के डॉक्टर एवं नर्स कोविड के शिकार,

भोपाल, जेएनएन। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने की वजह से मरीजों के इलाज में बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है। राजधानी के जेपी अस्पताल के डॉक्टर, नर्स मिलाकर 26 लोग पॉजिटिव हैं। इनके संक्रमित होने की वजह से ओपीडी, वार्ड, फीवर क्लीनिक, इमरजेंसी समेत हर जगह इलाज में दिक्कत आ रही है। जेपी अस्पताल के अधीक्षक संक्रमित हो गए हैं। उन्हें 10 जनवरी को सतर्कता डोज लगी थी। हालाकि, उन्हें कोई लक्षण नहीं है। वह पिछले साल भी संक्रमित हुए थे।

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गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल के डीन ने बताया कि कॉलेज के 15 कंसलटेंट (बड़े डॉक्टर) फिलहाल संक्रमित हैं। इसके अलावा जूनियर डॉक्टर और सीनियर रेसिडेंट को भी शामिल कर लिया जाए तो संक्रमित चिकित्सकों का आंकड़ा 50 से ऊपर है। इनके अलावा 30 नर्स भी कोरोना से संक्रमित हैं। कंसल्टेंट के नहीं होने की वजह से ओपीडी और ऑपरेशन में मरीजों को दिक्कत हो रही है।

जेपी अस्पताल में 15 दिन के भीतर डॉक्टर नर्स, वार्डबॉय, टेक्नीशियन समेत 46 लोग पॉजिटिव आ चुके हैं। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल संक्रमित मरीजों में 5 डॉक्टर और 16 नर्स शामिल हैं। कोरोना का संक्रमण शुरू होने के बाद पहली बार है जब अस्पताल में इतने स्वास्थ्यकर्मी पॉजिटिव आए हैं। जेपी अस्पताल में इस समय हर दिन 2000 से 2700 के बीच मरीज ओपीडी और इमरजेंसी में इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। इनमें करीब 500 मरीज सर्दी-जुकाम और बुखार वाले होते हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत फीवर क्लीनिक में हो रही है। यहां पर 400 से ज्यादा कोरोना संदिग्ध हर दिन इलाज और जांच कराने के लिए पहुंचते हैं लेकिन जांच के लिए सिर्फ एक खिड़की है। इस कारण संदिग्धों को जांच कराने में एक से डेढ़ घंटे लग रहे हैं। यही स्थिति पर्चा बनवाने में है। इसके लिए भी सिर्फ एक खिड़की है। इस कारण जांच के लिए पर्चा बनवाने में आधे घंटे लगते हैं। इनमें कई मरीज बुखार वाले भी रहते हैं, जिनके लिए 2 घंटे खड़ा रहना बेहद कठिन होता है।

इंदौर में दो मरीजों की कोरोना से मौत

इंदौर में कोरोना संक्रमण की पहली लहर से अब तक कोरोना संक्रमण से 1416 लोगों की मौत हो चुकी है। पहली और दूसरी लहर में कोरोना से ज्यादा लोगों की जान गई थी, लेकिन अब कोविड वैक्सीनेशन के बाद इसका प्रभाव बहुत कम नजर आ रहा है। लेकिन फिर भी इससे सतर्कता जरूरी है, खासकर उनके लिए जो गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं।

26 जनवरी को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी इंदौर के कोरोना बुलेटिन में 2278 नए संक्रमित मिले हैं, दो मरीजों की कोरोना से मौत हो गई है। वहीं बुधवार को 3005 मरीज कोरोना से स्वस्थ हो गए हैं। इंदौर जिले में फिलहाल 19149 कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है। इंदौर में 11181 सैंपल जांच के लिए मिले थे, जिनमें से इनमें से 8721 सैंपल निगेटिव मिले और 17 सैंपल को खारिज कर दिया गया। जांच में 165 मरीजों के सैंपल रिपिट पाजिटिव मिले हैं।


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