Move to Jagran APP

SC के फैसले का असर, MP में अब जाति के आधार पर नहीं बनेगी अपराधियों की हिस्ट्रीशीट

मध्य प्रदेश में अब जाति के आधार पर अपराधियों की हिस्ट्रीशीट (इतिहास वृत्त) नहीं बनाई जाएगी। पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में परिपत्र जारी किया है। परिपत्र के अनुसार हिस्ट्रीशीट तैयार करते समय अपराधी के नाबालिग रिश्तेदार अथवा उसके पुत्र पुत्री भाई बहन का कोई विवरण तब तक दर्ज नहीं किया जाएगा। बच्चों के नामों को हिस्ट्रीशीट से हटाया जाएगा

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Sun, 15 Sep 2024 09:58 PM (IST)
Hero Image
जाति के आधार पर नहीं बनेगी अपराधियों की हिस्ट्रीशीट

राज्य ब्यूरो, नई दुनिया, भोपाल : मध्य प्रदेश में अब जाति के आधार पर अपराधियों की हिस्ट्रीशीट (इतिहास वृत्त) नहीं बनाई जाएगी। पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में परिपत्र जारी किया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एक आपराधिक अपील अमानतुल्लाह विरुद्ध पुलिस आयुक्त दिल्ली एवं अन्य में अपराधियों की हिस्ट्रीशीट तैयार करने में बरती जाने वाली सावधानी के संबंध में पिछले दिनों आदेश पारित किया है। इसी के तहत परिपत्र जारी किया गया है।

परिपत्र में कहा गया है कि अपराधियों की हिस्ट्रीशीट तैयार करते समय ध्यान रखा जाए कि किसी भी पिछड़े समुदायों एवं अनुसूचित जनजातियों के लोगों के अलावा आर्थिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों के नाम केवल इस कारण से दर्ज न हो कि वे उस जाति, जनजाति अथवा समाज के हैं।

बहन का कोई विवरण नहीं होगा दर्ज

यह उनके आत्म सम्मान के साथ जीवन जीने के अधिकार को बाधित कर सकता है। परिपत्र के अनुसार हिस्ट्रीशीट तैयार करते समय अपराधी के नाबालिग रिश्तेदार अथवा उसके पुत्र, पुत्री, भाई, बहन का कोई विवरण तब तक दर्ज नहीं किया जाएगा, जब तक इस बात का साक्ष्य न हो कि संबंधित नाबालिग द्वारा अपराधी को आश्रय दिया गया है या दे सकता है, जब वह पुलिस से भाग रहा था।

बच्चों के नामों को हिस्ट्रीशीट से हटाया जाएगा

अपराधी से जुड़े व्यक्तियों का पुलिस रखेगी रिकार्ड अपराधी की हिस्ट्रीशीट में उससे जुड़े व्यक्तियों की विशेष प्रकृति के संबंध में नोट कर टिप्पणी लिखी जाएगी। उनके फोन नंबर एवं संबंधी रिश्तेदारों की जानकारी लेकर भी उसे रिकार्ड में रखा जाएगा। ऐसे व्यक्तियों के आधार नंबर, एपिक नंबर, ई-मेल आइडी, इंटरनेट मीडिया अकाउंट, प्रोफाइल जैसे, फेसबुक, इंस्टाग्राम आइडी, एक्स आइडी भी अभिलेख पर रखा जाएगा।

हिस्ट्रीशीट की समय-समय पर पुलिस उप महानिरीक्षक, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी या उनसे वरिष्ठ स्तर के अधिकारी द्वारा समीक्षा की जाएगी। समीक्षा के बाद ऐसे व्यक्तियों, किशोर, बच्चों के नामों को हिस्ट्रीशीट से हटाया जाएगा जो जांच के दौरान निर्दोष पाए गए हैं।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें