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मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में शाहरूख खान, एमएस धोनी, विराट कोहली, रोहित शर्मा के खिलाफ दायर जनहित याचिका में सुनवाई आज

याचिका में कहा है कि शाहरूख खान एमएस धोनी रोहित शर्मा और कोहली जैसे लोग लाखों युवाओं के आदर्श हैं और ये आदर्श उन्हें आनलाइन सट्टा-जुआ खेलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ये बता रहे हैं कि आनलाइन सट्टा खेलकर कैसे वे करोड़ों रुपये कमा सकते हैं।

By Priti JhaEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 11:31 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 12:23 PM (IST)
मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में शाहरूख खान, एमएस धोनी, विराट कोहली, रोहित शर्मा के खिलाफ दायर जनहित याचिका में सुनवाई आज
शाहरूख खान, एमएस धोनी, विराट कोहली, रोहित शर्मा के खिलाफ दायर जनहित याचिका में सुनवाई आज

इंदौर, जेएनएन। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में सोमवार को फिल्म अभिनेता शाहरूख खान, क्रिकेटर एमएस धोनी, विराट कोहली, और रोहित शर्मा के खिलाफ दायर जनहित याचिका में सुनवाई होना है। वहीं, याचिका में मांग कि गई है कि आनलाइन सट्टे पर तुरंत रोक लगाई जाए। याचिका में कहा है कि शाहरूख खान, एमएस धोनी, रोहित शर्मा और कोहली जैसे लोग लाखों युवाओं के आदर्श हैं और ये आदर्श उन्हें आनलाइन सट्टा-जुआ खेलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ये क्रिकेट और फिल्मों के सितारें युवाओं को बता रहे हैं कि आनलाइन सट्टा खेलकर कैसे वे करोड़ों रुपये कमा सकते हैं। अपने आदर्श की बात में आकर युवा अपनी पैसा तो गवा ही रहे हैं कई युवा सट्टे के चलते आत्महत्या जैसा कदम भी उठा चुके हैं।

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जानकारी हो कि याचिका में मांग कि गई है कि आनलाइन सट्टे पर तुरंत रोक लगाई जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि बिहार, तेलंगाना, कर्नाटक सहित कई राज्य इस तरह के आनलाइन खेलों पर रोक लगा चुके हैं लेकिन मप्र में ऐसा नहीं किया गया। याचिकाकर्ता ने सभी पक्षकारों को नोटिस दिया था लेकिन किसी ने भी जवाब नहीं दिया। पिछली सुनवाई पर याचिकाकर्ता ने याचिका में संशोधन के लिए समय मांग लिया था। याचिकिा में सोमवार को हाई कोर्ट की युगलपीठ के समक्ष सुनवाई होना है।  

मालूम हो कि लाखों युवाओं के ये आदर्श उन्हें सट्टा और जुआ खेलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वे बाकायदा विज्ञापन के जरिए युवाओं को बता रहे हैं कि ऑनलाइन सट्टा खेलकर कैसे वे करोड़ों रुपये कमा सकते हैं। अपने आदर्श की बात मानकर युवा करोड़ों रुपये सट्टे में गंवा रहे हैं। कर्ज में फंसे कई युवा आत्महत्या कर चुके हैं। ऑनलाइन सट्टे पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए। जानकारी हो कि 2 मई को युगलपीठ के समक्ष याचिका पर सुनवाई हुई थी । न्यायालय ने याचिकाकर्ता से पूछा कि उन्होंने ऑनलाइन खेल पर रोक लगाने की मांग तो की है लेकिन शासन को पक्षकार नहीं बनाया है। न्यायालय ने याचिकाकर्ता को याचिका में संशोधन की अनुमति देते हुए सुनवाई 10 मई तक आगे बढ़ा दी थी ।


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