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Madhya Pradesh: किसानों के समूह से ग्रेडिंग और पैकेजिंग की यूनिट लगवाएगी मप्र सरकार

Madhya Pradesh मप्र सरकार की अगली योजना किसानों के समूह बनाकर ग्रेडिंग और पैकेजिंग यूनिट लगवाने की है। इन समूहों को न सिर्फ बैंक से दो करोड़ रुपये तक ऋण दिलाया जाएगा बल्कि तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी सात साल तक उपलब्ध कराया जाएगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 08:25 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 08:25 PM (IST)
Madhya Pradesh: किसानों के समूह से ग्रेडिंग और पैकेजिंग की यूनिट लगवाएगी मप्र सरकार
मप्र में किसानों के समूह से ग्रेडिंग और पैकेजिंग की यूनिट लगवाएगी सरकार। फाइल फोटो

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश सरकार किसानों को उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा दे रही है। अगली योजना किसानों के समूह बनाकर ग्रेडिंग और पैकेजिंग यूनिट लगवाने की है। इन समूहों को न सिर्फ बैंक से दो करोड़ रुपये तक ऋण दिलाया जाएगा, बल्कि तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी सात साल तक उपलब्ध कराया जाएगा। कृषि विभाग ने केंद्र सरकार की कृषि अधोसंरचना निधि के संचालन के लिए यह योजना तैयार की है। इसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।

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कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने की योजना

कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री ने सहकारिता, कृषि और उद्यानिकी व खाद्य प्रसंस्करण विभाग के माध्यम से कृषि अधोसंरचना निधि के अधिक से अधिक उपयोग की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। सहकारिता विभाग ने प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की कुछ योजनाओं को मंजूरी भी दिलाई है और काम भी प्रारंभ हो गया है। इसे अब और विस्तार देने की योजना तैयार की गई है। कृषि विभाग ने निधि के संचालन का जो प्रारूप तैयार किया है, उसमें राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट गठित की जाएगी, जो अधिक से अधिक हितग्राहियों को लाभ दिलाने का काम करेगी।

निगरानी समिति होंगी गठित

किसानों और उद्यमियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। राज्य और जिला स्तर पर निगरानी समितियां गठित होंगी। जिला स्तरीय निगरानी समिति हितग्राहियों की पहचान करविस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करेगी और अनुशंसा सहित राज्य स्तरीय समिति को भेजगी। समिति गुण-दोष के आधार पर परीक्षण करके स्वीकृति के लिए बैंकों को भेजेगी। अधिकारियों का कहना है कि अभी व्यापारी किसानों से उपज लेकर प्रसंस्करण करते हैं और उसे अधिक कीमत में बेचते हैं। यह लाभ सरकार किसानों को दिलाना चाहती है।

गेहूं का इतना हुआ निर्यात

इस वर्ष देश से अप्रैल 2022 में कुल 14 लाख 72 हजार 423 टन गेहूं का निर्यात हुआ। इसमें मध्य प्रदेश ने सर्वाधिक पांच लाख 86 हजार 423 टन गेहूं निर्यात कर रिकार्ड बनाया है। अभी व्यापारी गेहूं खरीदता है और उसकी ग्रेडिंग और पैकेजिंग कर निर्यात करता है। सरकार की मंशा है कि यह काम किसानों से जुड़े समूह करें। 


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