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मध्य प्रदेश में बर्खास्त चार महिला सिविल जज बहाल, पढ़ें क्यों लिया गया ये फैसला

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की 6 महिला जजों में से चार जजों को बहाल कर दिया गया है। हाईकोर्ट की रजिस्ट्री ने सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी दी है। बता दें कि इन जजों को कथित असंतोषजनक कामकाज की वजह से बर्खास्त किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वत संज्ञान लिया था। रजिस्ट्री के वकील ने इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है।

By Agency Edited By: Manish Negi Updated: Tue, 03 Sep 2024 10:56 PM (IST)
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एमपी हाईकोर्ट की चार महिला जज बहाल (प्रतीकात्मक तस्वीर)

एजेंसी, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की रजिस्ट्री ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बर्खास्त की गईं चार महिला सिविल जजों को बहाल कर दिया गया है। इन जजों को कथित असंतोषजनक कामकाज की वजह से बर्खास्त किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने लिया था स्वत: संज्ञान

यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने गत जनवरी में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा छह महिला सिविल जजों को बर्खास्त किए जाने के मामले को स्वत: संज्ञान लिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और हाई कोर्ट को नोटिस जारी इस मामले में जवाब मांगा था।

किन-किन जजों को किया गया बहाल?

जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर की पीठ को मंगलवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट रजिस्ट्री के वकील ने बताया कि गत एक अगस्त को हाई कोर्ट की पूर्ण बैठक में छह महिला जजों में से चार की बर्खास्तगी को रद करने का निर्णय लिया गया। जिन जजों के बर्खास्तगी आदेश को रद किया गया है, उनरमें ज्योति वरखडे, सोनाक्षी जोशी, प्रिया शर्मा और रचना अतुलकार जोशी हैं। जबकि दो अन्य महिला जजों के बारे में रजिस्ट्री ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इनकी बर्खास्तगी रद नहीं हुई है। इसके कारण और अन्य विवरण सीलबंद लिफाफे में दाखिल किया गया है। बर्खास्तगी आदेश राज्य विधि विभाग द्वारा जून, 2023 में पारित किया गया था।