Madhya Pradesh: फर्जी लोन एप के जरिये ब्लैकमेल करने वाले गिरोह के चार गिरफ्तार
Madhya Pradesh फर्जी लोन एप के जरिये लोगों को दिल्ली में बैठकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह का क्राइम ब्रांच ने राजफाश किया है। ये लोग लोन देने के नाम पर लोगों को फांसने के लिए तीन काल सेंटर चलाते थे।
भोपाल, जेएनएन। क्राइम ब्रांच ने फर्जी लोन एप के जरिये लोगों को दिल्ली में बैठकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह का राजफाश किया है। आरोपित हरियाणा, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। उनके पास से पुलिस ने चार डायलर सिम बाक्स, 70 सिम, आठ मोबाइल फोन, एक आइपैड, तीन लैपटाप, एक कंप्यूटर व 15 हार्ड डिस्क बरामद की हैं। ये लोग लोन देने के नाम पर लोगों को फांसने के लिए तीन काल सेंटर चलाते थे। गिरोह का सरगना बीसीए पास है और डिजिटल माध्यमों का अच्छा खासा ज्ञान रखता है। क्राइम ब्रांच के मुताबिक 10 जून 2021 को भानपुर निवासी कुणाल वेद ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसने एक लोन एप के माध्यम से ऋण लिया था। तय शर्तों के अनुसार उसने पूरा कर्ज चुका दिया था। उसके बाद भी उसे अज्ञात लोग अलग-अलग नंबरों से फोन पर धमका रहे हैं। उसके रिश्तेदारों को भी फोन कर धमकाया जा रहा है। साथ ही, एडिट की हुई उसकी फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी जा रही है। इससे वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो गया है। गिरोह के लोग उसे ब्लैकमेल कर करीब 35 हजार रुपये भी ले चुके हैं।
इनकी हुई गिरफ्तारी
शिकायत की जांच के बाद पुलिस ने काल सेंटर संचालक करनाल हरियाणा निवासी कपिल और उसके सहयोगी मुकेश पोरवाल, ग्राम सीलावली मुरैना निवासी शिवकुमार सिंह व लोनी, गाजियाबाद निवासी कुलदीप को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है। इस तरह करते थे वारदात गिरोह के सरगना कपिल के पास चाइनीज मैसेंजर के माध्यम से फर्जी लोन एप का डाटा आता था। इसमें उसको राकेट लोन, शार्प लोन, लोन क्यूब, सिंपल लोन, माय लोन, कैश लोन, हैप्पी वालेट जैसी विभिन्न लोन कंपनियों की रिकवरी लिंक व यूजर मेल आइडी मिलती थी। गिरोह के पास कर्जदारों का नाम-पता, मोबाइल नंबर के अलावा उसके परिचितों के भी फोन नंबर रहते थे। जिन पर ये लोग कपिल के कल सेंटर से फोन लगाकर लोन लेने वाले लोगों से बात करते थे। कर्ज लेने वाला यदि पैसा चुकाने के लिए कुछ समय की मोहलत मांगता था, तो ये लोग उससे गाली-गलौज करते थे। वे ऋण लेने वालों के रिश्तेदारों को फोन व वाट्सएप मैसेज भी करते थे। वे लोग कर्जदार की एडिट की हुई अश्लील फोटो उसकी कांटेक्ट लिस्ट में शामिल लोगों को भेज देते थे।