MP News: देश में पहली बार हुई पेपरलेस वोटिंग, भोपाल में पंचायत उपचुनाव में डाला गया पहला वोट
मध्य प्रदेश के भोपाल जिले के बैरसिया विकासखंड की ग्राम पंचायत रतुआ रतनपुर में सरपंच पद के लिए हुए उपचुनाव मतदान केंद्र क्रमांक 295 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पेपरलेस मतदान प्रक्रिया की गई।इसमें पेपरलेस प्रक्रिया में मतदाताओं की पहचान और उनके द्वारा मत देने के रिकार्ड के रूप में हस्ताक्षर और अंगूठा लगाने को इलेक्ट्रानिकली दर्ज किया गया।
जेएनएन, भोपाल। स्थानीय निकाय चुनाव में मतदान प्रक्रिया को पेपरलेस करने की तैयारी मध्य प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयोग ने शुरू कर दी है। बुधवार को भोपाल जिले के बैरसिया विकासखंड की ग्राम पंचायत रतुआ रतनपुर में सरपंच पद के लिए हुए उपचुनाव मतदान केंद्र क्रमांक 295 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पेपरलेस मतदान प्रक्रिया की गई।
इसमें पेपरलेस प्रक्रिया में मतदाताओं की पहचान और उनके द्वारा मत देने के रिकॉर्ड के रूप में हस्ताक्षर और अंगूठा लगाने को इलेक्ट्रानिकली दर्ज किया गया। सभी प्रपत्रों को भी ऑनलाइन भरवाया गया। आयोग का दावा है कि देश में पहली बार मध्य प्रदेश में यह प्रयोग हुआ है।
पेपरलेस बूथ की योजना बनाई गई
आयोग के सचिव अभिषेक सिंह ने बताया है कि पंचायतों एवं नगरीय निकायों में सरल, सुगम एवं पारदर्शितापूर्ण मतदान प्रक्रिया संपन्न कराने के उद्देश्य से पेपरलेस बूथ की योजना बनाई गई है। पंचायत निर्वाचन में मतदान केंद्र पर सभी प्रक्रियाओं को संपन्न कराने और रिपोर्टिंग के लिए 26 प्रपत्र भरे जाते हैं। इनमें गलती होने पर विवाद होते हैं और कोर्ट केस भी बनते हैं।
पेपरलेस बूथ करने पर इन प्रपत्रों को डिजिटलाइज किया जा रहा है। इसका पहला प्रयोग रतुआ रतनपुर में किया गया, जो सफल रहा। पेपरलेस प्रक्रिया में मतदाताओं की पहचान और उनके द्वारा मत देने के रिकार्ड के रूप में हस्ताक्षर और अंगूठा लगाने को इलेक्ट्रानिकली दर्ज किया गया। मतदान का प्रतिशत और मत-पत्र लेखा आनलाइन किया जा रहा है।
हर दो घंटे में ऑनलाइन मतदान का प्रतिशत
मतदान का प्रतिशत हर दो घंटे में ऑनलाइन सभी प्लेटफार्म पर प्राप्त हो रहा है। मतदान समाप्ति के बाद अभ्यर्थियों एवं मतदान अभिकर्ताओं को मत-पत्र लेखा भी उनके ई-मेल आईडी पर उपलब्ध करा दिया जाएगा। इस प्रक्रिया में हार्डवेयर और साफ्टवेयर दोनों स्तर पर कार्य किया जा रहा है। भविष्य में यह व्यवस्था पूरे प्रदेश के मतदान केंद्रों पर लागू कर सकें।