Gwalior Road Accident: ग्वालियर में मुरैना के परिवार के पांच लोगों को तेज रफ्तार बोलेरो ने रौंदा, सीएम ने जताया शोक
Gwalior Road Accident ग्वालियर के सिरोली गांव में फलदान कार्यक्रम में शामिल होने आए परिवार के पांच लोगों को तेज रफ्तार बोलेरो ने रौंद दिया। वे बड़ागांव हाईवे पर विक्रांत कालेज के पास सड़क किनारे यात्री वाहन का इंतजार कर रहे थे।
ग्वालियर, जेएनएन। Gwalior Road Accident: मध्य प्रदेश में मुरैना से ग्वालियर के सिरोली गांव में फलदान कार्यक्रम में शामिल होने आए परिवार के पांच लोगों को तेज रफ्तार बोलेरो ने रौंद दिया। वे बड़ागांव हाईवे पर विक्रांत कालेज के पास सड़क किनारे यात्री वाहन का इंतजार कर रहे थे। हादसे में एक पुरुष, दो महिला व दो बच्चों की मौत हो गई। घटना से गुस्साए लोगों ने सड़क पर शव रखकर चक्का जाम कर दिया। बोलेरो चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुरैना के डोंगरपुर निवासी महेंद्र जाटव के सिरौली गांव स्थित रिश्तेदार के यहां बुधवार को फलदान समारोह था। इसमें शामिल होने वे परिवार के सात लोगों के साथ गए थे। गुरुवार को घर वापस लौटने के क्रम में परिवार विक्रांत कालेज के पास खड़े होकर बस का इंतजार कर रहा था।
इसी बीच, एक तेज रफ्तार बोलेरो आई, जिसने पत्नी राजाबेटी (40), बेटी रेशमा (6), बेटी पूनम (7), चाचा पप्पू जाटव (60) व बुआ सास (50) को कुचल दिया। महेंद्र के साथ उनका भतीजा लक्ष्मण व सबसे बड़ी बेटी दूर खड़े थे, जिससे वे बच गए। घटना से गुस्साए लोगों के चक्का जाम की सूचना के बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मामले में उचित कार्रवाई व आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर घटना पर दुख जताया है। महेंद्र जाटव अपने पिता की इकलौती संतान हैं। मजदूरी कर वे परिवार का भरण-पोषण करते हैं।
गौरतलब है कि परिवहन विभाग 15 साल से ज्यादा पुराने भारी वाहन और मालवाहक वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट पर फिलहाल विलंब शुल्क वसूल नहीं कर सकेगा। मप्र उच्च न्यायालय ने इस वसूली को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए वसूली पर अंतरिम रोक लगा दी है। केंद्र सरकार ने चार अक्टूबर, 2021 को एक अधिसूचना जारी कर केंद्रीय मोटरयान अधिनियम में संशोधन कर दिया था। इसके तहत 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट और उनके नवीनीकरण के लिए ली जाने वाले शुल्क को बढ़ा दिया था। नवीनीकरण में विलंब होने पर वाहन मालिकों को 50 रुपये प्रतिदिन का विलंब शुल्क चुकाना था।