सिमी आतंकियों के एनकाउंटर का रहस्य बरकरार
आठ घंटों में आठों आतंकियों का एनकाउंटर कर दिया गया लेकिन ये चर्चा का विषय बना हुआ है कि आतंकियों ने नए कपड़े कहां बदले?
भोपाल। दीपावली की देर रात करीब ढाई बजे हाई सिक्योरिटी सेल में कैद सिमी के आठ आतंकी मुख्य जेल प्रहरी की हत्या और दूसरे प्रहरी को बांधकर तीन दीवारों की सुरक्षा व्यवस्था को पारकर जेल से भागने में कामयाब हो गए। इसके बाद आठ घंटों में आठों आतंकियों का एनकाउंटर कर दिया गया लेकिन ये चर्चा का विषय बना हुआ है कि आतंकियों ने नए कपड़े कहां बदले?
आतंकियों के भागने के बाद पुलिस, एटीएस, एसटीएफ के अफसर जेल पहुंचे। सुबह छह बजे डॉग स्क्वाड की मदद से सर्चिंग शुरू की। आतंकियों के जंगल में भागने के संकेत मिले। फौरन गांधी नगर और गुनगा थाना क्षेत्र के गांवों में डायल 100 से अलर्ट जारी हुआ। सुबह आठ बजे खेजड़ादेव गांव से पुलिस को कुछ लोगों के वहां होने की सूचना मिली। पुलिस वहां पहुंची। जेल से करीब छह किमी दूर घनी चट्टानों पर सारे आतंकियों को एक साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया। आठ घंटे के अंदर सभी फरार आतंकियों को मार गिराया
देश में पहली बार ऐसा ऑपरेशन हुआ जिसमें पुलिस ने आठ घंटे के अंदर सभी फरार आतंकियों को मार गिराया।
दोपहर में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया को बताया कि जेल में लापरवाही के लिए एडीजी जेल सुशोभन बनर्जी को हटा दिया गया है। सुधीर शाही को एडीजी जेल बनाया गया है। इसके अलावा डीआईजी जेल, जेल अधीक्षक, उप जेल अधीक्षक, सहायक जेल अधीक्षक को सस्पेंड किया गया है।
सीएम ने उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के शहीद जेल प्रहरी रमाशंकर यादव के परिजनों को 15 लाख रुपए देने की घोषणा की है।
एनआईए करेगी जांच
सिमी आतंकियों द्वारा जेल ब्रेक की घटना की जांच एनआईए करेगी। सीएम ने इस घटना को जेल प्रशासन की बड़ी चूक माना है। आतंकियों के मारे जाने की घटना की जांच की जिम्मेदारी रिटायर्ड डीजीपी नंदन दुबे को सौंपी गई है।
2013 में भी हुआ था जेल ब्रेक
अक्टूबर 2013 में खंडवा जेल से भागे सिमी के सात आतंकियों में से चार को पुलिस बमुश्किल पकड़ पाई थी।तीन साल फरार रहे इन आतंकियों ने बैंक लूटपाट समेत कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया था।