मध्य प्रदेश में भारी बारिश के कारण शिप्रा समेत कई नदियां उफान पर
प्रदेश में पिछले चार दिन से हो रही लगातार भारी वर्षा के के कारण बाढ़ के हालत बन गए है। कई स्थानों पर लोगों के घरों में पानी घुसा है। नदियों के उफान से अनेक सड़क मार्ग बाधित।
भोपाल। प्रदेश में पिछले चार दिन से हो रही लगातार भारी वर्षा के के कारण बाढ़ के हालत बन गए है। कई स्थानों पर लोगों के घरों में पानी घुसा है। कालीसिंध, नेवज, पार्वती, पदमावती और शिप्रा नदियों के उफान से अनेक सड़क मार्ग बाधित होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
ऐसे हैं बारिश में प्रदेश के हॉल
गुना जिले के कुंभराज थाना क्षेत्र में कल बरसाती नाले में बही एक महिला का आज शव मिल गया है। इसे मिला कर प्रदेश में इस सीजन में वर्षा एवं वर्षा जनित हादसों में मरने वालों की संख्या 59 हो गई है। उज्जैन में शिप्रा नदी में आई बाढ़ के कारण नदी किनारे स्थापित कई मंदिर पानी में डूब गए है तथा निचले इलाकों में बसी बस्तियों में भी दो से तीन फीट पानी भरा है। लगभग ऐसा ही हाल रतलाम,नीमच एवं विदिशा का है। झाबुआ जिले में एक सप्ताह बाद आज हुई भारी बारिश ने एक बार फिर से जिले में नदी-नालों को उफान पर ला दिया, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।पिछले चौबीस घंटों से हो रही भारी वर्षा चलते क्षेत्र की माही, अनास, पम्पावती, नौगावा, पदमावती, हथनी, सुनार आदि नदियां अपने पूरे वेग और उफान पर बह रही हैं। बीना ब्लॉक के पुरैना हासुआ गांव में पानी में एक परिवार के 7 सदस्य फंसे हैं लेकिन प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं पहुंची।
ट्यूब के सहारे खाना-पानी पहुंचाया
रविवार को बारिश थमने पर पानी कम हुआ और गांव के लोगों ने ट्यूब के सहारे खाना-पानी पहुंचाया। धार के केसूर बगड़ीताज मार्ग स्थित रपट पर पानी का तेज बहाव होने से दस घंटे मार्ग बंद रहा। बदनावर की बलवंती नदी भी उफान पर आ गई। वहीं, महिदपुर क्षेत्र में दूसरे दिन भी बारिश का दौर जारी रहा। शिप्रा नदी उफान पर रही। छोटी पुलिया से करीब 14 फीट पानी ऊपर बह रहा था।
केन नदी में उबाल आ गया
उधर, छतरपुर में लगातार बारिश के कारण क्षेत्र की सबसे बड़ी केन नदी में उबाल आ गया है। नदी का जल स्तर बढ़ने से कई गावों में पानी पहुंच गया है। इधर, बड़वानी में ओंकारेश्वर व इंदिरा सागर बांध से पानी छोड़ने के कारण राजघाट पर नर्मदा नदी में जलस्तर बढ़ा है। रविवार शाम 6 बजे 122.200 मीटर हो गया। रविवार दोपहर को राजघाट पर नर्मदा का जलस्तर 122.200 मीटर था। खतरे का निशान 123.280 मीटर पर है।
सर्वे कर प्रत्येक बाढ़ प्रभावित को सहायता दी जाएगी:शिवराज
रीवा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बाढ़ से प्रभावित हर व्यक्ति के घर का सर्वे कर क्षति का आकलन कर सहायता राशि के साथ ही पुनर्वास सामग्री भी उपलब्ध करवाई जाएगी। चौहान शनिवार देर रात रेल मार्ग से सतना पहुंचे। सतना से वह मैहर होते हुए रविवार को रीवा आए। यहां बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। चौहान ने यहां कहा कि बाढ़ से किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसे मुआवजे के रूप में 4 लाख रुपए दिए जाएंगे। मकान पूर्णत: क्षतिग्रस्त होने पर 95 हजार रुपए और बाढ़ प्रभावित परिवार को 50 किलो गेहूं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बाढ़ से गाय-भैंस की मृत्यु पर 30 हजार रुपए, बछड़ा-बछड़ी की मृत्यु पर 10 हजार की सहायता संबंधित को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि झुग्गियों और दुकानों के क्षतिग्रस्त होने पर तत्काल सहायता के तौर पर 6000 रुपए उपलब्ध करवाए जाएंगे।
सीएम शिवराज सिंह चौहान रविवार को पन्ना पहुुंचे
यहां उन्होंने अमानगंज, गढोखर, कमताना, बिल्हा, हिनौती, सिंघोरा सहित कई गांवों में जाकर बाढ़ पीडितों से मुलाकात की। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि बाढ़ पीड़ितों को जल्द मुआवजा दिलाएं।
पूर्वी मप्र में कल से फिर तेज बारिश के आसार
जबलपुर, शहडोल, छिंदवाड़ा में मंगलवार से फिर तेज बारिश होने के आसार हैं। मौसम केंद्र के डायरेक्टर डॉ. अनुपम काश्यपि के मुताबिक बांग्लादेश के पास बना लो प्रेशर सिस्टम छग के रास्ते मप्र में दस्तक दे सकता है।