Madhya Pradesh: दिग्विजय सिंह ने संघ प्रमुख को लिखा पत्र, कहा-बजरंग दल से जुड़े आरोपितों पर कराएं कार्रवाई
Madhya Pradesh दिग्विजय सिंह ने बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को लेकर मोहन भागवत को पत्र लिखा है। दिग्विजय ने मंडला और भोपाल जिलों की घटनाओं का जिक्र करते हुए लिखा कि आपको सड़कों पर हथियार लेकर निकलने वाले तत्वों के खिलाफ सरकारों से बात करना चाहिए।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ताओं को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत को पत्र लिखा है। दिग्विजय ने मंडला और भोपाल जिलों की घटनाओं का जिक्र करते हुए लिखा कि आपको सड़कों पर हथियार लेकर निकलने वाले तत्वों के खिलाफ सरकारों से बात करना चाहिए। तभी स्वराज का सपना साकार होगा। दिग्विजय सिंह ने मंडला में पिछले साल एनएसयूआइ के कार्यकर्ता सोनू परोचिया व इस साल अभिषेक ज्योतिषषी की हत्या और भोपाल में एक वेब सीरिज के सेट पर तोड़फोड़ के उदाहरण देते हुए कहा कि इन घटनाओं में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता शामिल थे। इनमें से कुछ के खिलाफ कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। मेरा मानना है कि धार्मिक कट्टरता किसी भी धर्म, संप्रदाय की हो समाज में नफरत के बीज बोती है। ऐसे तत्व लोकतंत्र के दुश्मन हैं। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उधर, इस मामले में भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि दिग्विजय सिंह शिगूफाबाजी करते हैं। वे हिंदूवादी संगठनों का विरोध करते हैं, जबकि आतंकियों के बारे में उनका रवैया नरम रहता है। अच्छा हो वे कांग्रेस पर ध्यान दें।
गौरतलब है कि इससे पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के घुटने तोड़ने के बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस में चल रहा शीत युद्ध गांधीगीरी तक पहुंच गया था। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ हुजूर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा के बंगले पर रामधुन गाते हुए जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजभवन के सामने धरना दिया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी कार्यकर्ताओं के साथ करीब एक घंटे तक धरने पर बैठे रामधुन गाते रहे। पिछले दिनों विधायक रामेश्वर शर्मा ने कलखेड़ा गांव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेसियों के आने पर उनके घुटने तोड़ने की बात कही थी। इस पर कांग्रेसी गांधीगीरी करते हुए रामेश्वर शर्मा को गांधीजी की प्रतिमा सौंपने रामधुन गाते हुए उनके बंगले पर जा रहे थे।