नौ दिन बाद आतंकियों के एनकाउंटर की सूचना देने पर कोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार
दीपावली की रात केन्द्रीय जेल भोपाल से फरार हुए 8 सिमी आतंकियों व उनके एनकाउंटर किए जाने के मामले में सीजेएम कोर्ट ने पुलिस को क़डी फटकार लगाई है।
भोपाल, नईदुनिया न्यूज। दीपावली की रात केन्द्रीय जेल भोपाल से फरार हुए 8 सिमी आतंकियों व उनके एनकाउंटर किए जाने के मामले में सीजेएम कोर्ट ने पुलिस को क़डी फटकार लगाई है। सीजेएम भू--भास्कर यादव ने तल्ख लहजे में कहा घटना के 9 दिन बाद कोर्ट को बुधवार को पहली बार अधिकारिकरूप से यह सूचित किया जा रहा है कि बंदी भागे और उनका एनकाउंटर हो गया है। कोर्ट ने साफ कि 3 नवंबर को पुलिस ने जेल से फरार 8 आतंकियों के नामों की जो सूची कोर्ट को भेजी थी, उसमें किसी भी अधिकारी के हस्ताक्षर ही नहीं थे। ऐसे में जेल के किसी कर्मचारी की सूचना मात्र पर कोर्ट कैसे विश्वास कर लेती कि बंदी जेल से भाग गए। ऐसे में मामले की ट्रायल कोर्ट को देर से सूचित करने से मामला बेहद गंभीर हो जाता है।
कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल किया कि एनकाउंटर में मारे गए कथित सिमी आतंकी न्यायिक हिरासत में थे, लेकिन पुलिस ने उनके फरार होने, एनकाउंटर और पोस्टमार्टम की सूचना व रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को क्यों नहीं दी। सरकारी वकील ने कहा कि वे इस विषषय में वरिष्ठ अधिकारियों से उनके द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी लेंगे। जवाब देने के लिए आगामी तारीख दी जाए। इस पर कोर्ट ने पुलिस को 17 नवंबर को जवाब पेश करने को कहा है। साथ ही पुलिस को निर्देश दिया है कि वह यह भी बताए कि उन्होंने जेलब्रेक और एनकाउंटर मामले के लिए संबंधित मजिस्ट्रेट से कोई जांच कराई है। यदि ऐसा है तो उक्त संबंधित मजिस्ट्रेट से भी जानकारी ली जाए।
वकील को मिली जेल में सिमी आतंकियों से मुलाकात की अनुमति
सीजेएम कोर्ट ने सिमी आतंकियों के वकील परवेज आलम की उस अर्जी को मंजूर कर लिया, जिसमें उन्होंने जेल में उनके पक्षकार आतंकियों से मुलाकात करने की अनुमति मांगी थी। कोर्ट ने जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर आतंकी आदिल, इरफान, जावेद, जुबेर, और मोहम्मद साजिद से 20 मिनट तक वकील परवेज आलम की मुलाकात कराने को कहा है। आतंकियों के वकील ने 4 नवंबर को अर्जी पेश कर आरोप लगाया था कि एनकाउंटर की घटना के बाद से ही उनके पक्षकारों को जेल में प्रता़ि$डत किया जा रहा है। पुलिस उन्हें आवश्यक सुविधाओं से वंचित रख रही है।