इंदौर में हर दूसरे घर में है कोरोना मरीज, हर्ड इम्युनिटी की ओर बढ़ा शहर
Indore Coronavirus Update इंदौर के हर दूसरे घर में कोरोना का मरीज है लेकिन राहत की बात ये है कि इस शहर में अब हर्ड इम्युनिटी बढ़ चुकी है। यहां के अधिकतर लोगों में कोरोना से मुकाबला करने के लिए एंटीबाडी तैयार हो चुकी है।
इंदौर, जेएनएन। बीते 22 महीने से कोरोना से जूझ रहे शहरवासियों के लिए राहत भरी खबर है कि शहर अब हर्ड इम्युनिटी की तरफ बढ़ रहा है। यानी शहर अधिकतर लोगों में कोविड से लड़ने के लिए एंटीबाडी बन गई है। यह इस बात से भी साबित होता है कि 24 जनवरी को शहर में कोरोना के 34388 मरीज सामने आये थे, इनमें से मुश्किल से पांच सौ को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ी।
इन 24 दिनों में इस बीमारी को हराकर करीब 13 हजार मरीज पूरी तरह ठीक हो गए। इस दौरान शहर में 17 कोरोना संक्रमितों की मौत भी हुई, हालांकि इनमें से ज्यादातर गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे। इस समय स्थिति यह है कि शहर के लगभग हर घर में कोरोना (जुकाम और सर्दी) के लक्षण वाले मरीज हैं और तीन-चार दिन से सामान्य इलाज और दवाओं से ठीक भी हो रहे हैं। लक्षणों के बावजूद इन लोगों की जांच नहीं हो रही है। जानकारों का मानना है कि यह स्थिति शहर को हर्ड इम्युनिटी की ओर ले जा रही है। संभव है कि आने वाले कुछ महीनों में कोरोना किसी अन्य की तरह महामारी न होकर एक आम बीमारी बन जाए।
विशेषज्ञों के अनुसार, जब 70 प्रतिशत से अधिक आबादी में किसी बीमारी से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज हैं, तो यह कहा जा सकता है कि वहां हर्ड इम्युनिटी की स्थिति हासिल कर ली गई है। इंदौर की 80 फीसदी आबादी को कोरोना के दोनों टीके लग चुके हैं। ऐसे में माना जा सकता है कि इंदौर अब हर्ड इम्युनिटी की स्थिति में पहुंच रहा है। जनवरी के 24 दिनों में मिले कोरोना संक्रमितों की स्थिति भी इसका समर्थन कर रही है। सीएमएचओ डा. बीएस सैत्य के अनुसार, इस दौरान 90 फीसदी से ज्यादा संक्रमित ऐसे थे जिनमें बीमारी के कोई गंभीर लक्षण नहीं था।
हर्ड इम्युनिटी के करीब
मौजूदा हालात को देखते हुए हम कह सकते हैं कि हम हर्ड इम्युनिटी की ओर बढ़ रहे हैं। जिन लोगों को संक्रमण हुआ है उनमें गंभीर लक्षण नहीं दिखे। कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने कोई लक्षण न दिखने के कारण परीक्षण नहीं करवाया। ऐसे में कहा जा सकता है कि हम हर्ड इम्युनिटी के काफी करीब हैं