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मध्‍य प्रदेश की बच्चियों के लिए बुलडोजर मामा बने सीएम शिवराज सिंह चौहान, पढ़ें क्‍या है मामला

मुख्यमंत्री शिवराज की छवि बच्चियों के लिए हमेशा चिंता करने वाले मामा की तरह रही है। बच्चियों के प्रिय बुलडोजर मामा की नई छवि उन्हें इससे कहीं आगे ले जा रही है शिवराज मामा की लाड़लियों पर अगर कोई बुरी नजर डालेगा तो उसकी खैर नहीं।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 23 Mar 2022 10:53 AM (IST)Updated: Wed, 23 Mar 2022 11:14 AM (IST)
मध्‍य प्रदेश की बच्चियों के लिए बुलडोजर मामा बने सीएम शिवराज सिंह चौहान, पढ़ें क्‍या है मामला
बच्चियों के लिए बुलडोजर मामा बने सीएम शिवराज सिंह चौहान,

जबलपुर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर अपने चौथे कार्यकाल के दो साल (23 मार्च) पूरे कर रहे शिवराज सिंह चौहान अब 'बुलडोजर मामा' के नए अवतार में नजर आ रहे हैं. उनके खिलाफ की गई भारी कार्रवाई ने पटकथा भी लिखी है। दरअसल, उनकी छवि बच्चियों के लिए हमेशा चिंता करने और ध्यान रखने वाले मामा की रही है। 

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देश भर में लोकप्रिय लाडली लक्ष्मी जैसी योजनाएं भी इसी दृष्टिकोण को दर्शाती रही हैं, लेकिन अब 'बुलडोजर मामा' की नई छवि उन्हें इससे कहीं आगे ले जा रही है यानी शिवराज मामा की लाड़ली लक्ष्मियों पर बुरी नजर डाली तो खैर नहीं। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यानि 'बुलडोजर बाबा' की सफलता के बाद इसे भाजपा का एक और सकारात्मक प्रयोग माना जा रहा है। 

तीन मामले 

केस एक : 20 मार्च

श्योपुर : एक घंटे में तीन मकान ध्वस्त

नाबालिग से दुष्‍कर्म  के आरोपी शाहबाज, रियाज और मोहसिन खान को कोर्ट ने जेल भेज दिया और प्रशासन की टीम ने सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने तीनों के घरों को बुलडोजर से तोड़ दिया। 

केस दो : 21 मार्च

सिवनी : तीन आरोपितों के घर पर चला बुलडोजर

युवती से सामूहिक दुष्कर्म के दोषी  राहुल, हरीराम, निरपत, विकास और वीरेंद्र वर्मा को गिरफ्तार किया गया। राहुल, हरीराम और निरपत के घर ढहा दिए गए।

केस तीन : 22 मार्च

शहडोल : नहीं दी कोई रियायत

दुष्कर्म मामले में आरोपित शादाब खान के मकान पर मंगलवार सुबह से ही बुलडोजर चलने लगे थे। विरोध में महिलाएं भी सामने आईं लेकिन कोई रियायत नहीं देकर सरकार के मंसूबे साफ कर दिए गए।

प्रदेश में चल रहे हैं बुलडोजर

ऐसा नहीं है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर पहली बार बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया है, पूर्व में भी कार्रवाई की गई है, चाहे वह भूमाफिया हों या सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोपी हों। इन तीनों शहरों में लगातार हो रही भारी कार्रवाई ने सबका ध्यान खींचा है। तीनों मामले एक जैसे हैं, जिसमें बेटियों के साथ नापाक हरकत करने वाले आरोपियों के घरों को तोड़ दिया गया है। 

बुलडोजर बाबा के आगे बुलडोजर मामा का कदम

उत्तर प्रदेश चुनाव में बुलडोजर बाबा की सफलता के बाद राज्य में शिवराज सिंह की नई छवि बनाने के लिए राजनीतिक विश्लेषक इसे एक स्पष्ट संदेश मान रहे हैं। दो दिन की कार्रवाई के बाद सोमवार को भोपाल में मामा के नाम पर बुलडोजर के नाम पर जिस तरह से होर्डिंग लगने लगे, वह भी भाजपा की रणनीति की ओर इशारा कर रहा है। शिवराज सिंह न केवल लाड़ली लक्ष्मी नाम से बालिकाओं के लिए एक योजना लेकर आए, बल्कि समय-समय पर इसमें बदलाव करते रहे जो आम लोगों को पसंद आया। उनकी पहचान मामा के रूप में हुई। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब दो साल से भी कम का समय बचा है। मामा का असर भाजपा ने देखा है, अब उनके साथ बुलडोजर जोड़कर एक मजबूत सफलता की कहानी रचने की तैयारी की जा रही है।

जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, में सामाजिक विज्ञान, के संकाय अध्‍यक्ष प्रो. रामशंकर का कहना है कि उत्तर प्रदेश में बुलडोजर बाबा से एक सकारात्मक मूल्य जुड़ा था। इसका असर सामने आया है। शिवराज सिंह की बड़ी यूएसपी 'मामा' है, इसलिए बुलडोजर डालने से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। दरअसल, राजनीति में जब भी छवि के माध्यम से भावनात्मक तार छेड़ा जाता है तो इसका बहुत बड़ा प्रभाव होता है। हर घर में मां, बहन, बेटी होती है। आरोपी के घर को ढहाने की कार्रवाई का भावनात्मक प्रभाव पड़ेगा।


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