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पूर्व मुख्‍यमंत्री दिग्विजय सिंह से मुलाकात करेंगे सीएम शिवराज सिंह चौहान, जानें क्‍या है मामला

डूब पीड़ितों की समस्याओं के समाधान के लिए आज पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Former CM Digvijay Singh) से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) मुलाकात करेंगे। डूब से प्रभावित किसानों से मिलने के लिए सुबह 11 बजे का समय दिया है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 07:32 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 07:55 AM (IST)
पूर्व मुख्‍यमंत्री दिग्विजय सिंह से मुलाकात करेंगे सीएम शिवराज सिंह चौहान, जानें क्‍या है मामला
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से मुलाकात करेंगे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ।

भोपाल, जेएनएन। टेम एवं सुठालिया परियोजना के डूब पीड़ितों की समस्याओं का समाधान करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह 21 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री ने उन्हें डूब से प्रभावित किसानों से मिलने के लिए सुबह 11 बजे का समय दिया है। दिग्विजय सिंह ने पत्र लिखकर कहा था कि यदि बैठक को 20 जनवरी तक का समय देने का निर्णय नहीं लिया गया तो वह शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से मिलने का समय आरक्षित करने की सूचना दी गई।

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महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए अलग-अलग नियम होने पर कांग्रेस ने जतायी आपत्ति 

कांग्रेस ने सत्ताधारी दल के नेता और विपक्ष के महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए अलग-अलग नियम बनाए जाने पर आपत्ति जताई है। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि 15 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को कोविड नियमों का हवाला देते हुए उज्जैन के महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश नहीं करने दिया गया। जबकि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, राज्य भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और फिल्म अभिनेत्री सारा अली खान को अनुमति दी गई थी। सरकार से उन्होंने मांग की है कि पूर्व मुख्यमंत्री को अनुमति नहीं देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि जनता और विपक्ष के लिए अलग-अलग नियम हैं। प्रोटोकॉल का पालन करते हुए नंदीगृह के पीछे लगे बैरिकेड से राज्यपाल, मंत्री, सांसद, विधायक या अन्य वीआईपी के दर्शन करने का नियम लागू है। ऐसे में कुछ लोगों को गर्भगृह में जाने की इजाजत देना कानून के खिलाफ है। अगर उन्हें अनुमति दी गई तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को अनुमति नहीं देने पर सवाल खड़ा होता है। ऐसे अधिकारी के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।


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