Madhya Pradesh: महाकाल मंदिर में उत्पात मचाने वाले भाजयुमो नेताओं को पद से हटाया गया
Madhya Pradesh महाकाल मंदिर परिसर में उत्पात मचाने वाले भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं पर भाजपा संगठन सख्त है। विष्णुदत्त शर्मा के निर्देश पर भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार ने दो जिलाध्यक्षों सहित 18 पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को पद से मुक्त कर दिया।
भोपाल, जेएनएन। Madhya Pradesh Politics: मध्य प्रदेश में उज्जैन के ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) परिसर में उत्पात मचाने वाले भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं पर भाजपा संगठन सख्त हुआ है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के निर्देश पर भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार ने दो जिलाध्यक्षों सहित 18 पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को पद से मुक्त कर दिया है।
जानिए, क्या है मामला
गत 11 अगस्त को महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए गए मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या के साथ पहुंचे कार्यकर्ताओं ने नंदी हाल में प्रवेश के लिए बैरीकेट्स तोड़ दिए थे और पुजारियों, पुलिसकर्मियों से अभद्रता की थी। मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को दर्शन कराते वक्त उज्जैन नगर के जिलाध्यक्ष अमय शर्मा और उज्जैन ग्रामीण के जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह और उनके पदाधिकारी व कार्यकर्ता साथ थे। घटना का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया था। इसके बाद संगठन ने सख्ती दिखाई और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष को संबंधितों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। पहले सभी कार्यकर्ताओं से कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया, इसके बाद उन्हें पद से हटाया गया।
इन्हें किया पदमुक्त
इस मामले में मध्य प्रदेश में उज्जैन नगर के जिलाध्यक्ष अमय शर्मा और उज्जैन ग्रामीण के जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह, कार्यकारिणी सदस्य देवेंद्र बाघेला, गोवर्धन सिंह डोडिया, भवानी देव़़डा, ऋषिष बाली, राहुल बैस, कमल सालानी, शिम्पी शर्मा, प्रिंस लोधवाल, सौरभ यादव, विनोद मालवीय, ऋषभ मालवीय, सौरभ गोशर, लक्की गुर्जर, तनय अग्रवाल, अमर यादव और शुभम डब्बेवाला को भी पदमुक्त कर दिया गया है।
- उज्जैन नगर के जिलाध्यक्ष अमय शर्मा व उज्जैन ग्रामीण के जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह को पद मुक्त किया
- भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या के आगमन पर की थी मंदिर के सुरक्षा कर्मियों से बदसलूकी
- पहले सभी कार्यकर्ताओं से कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा, फिर पद से हटाया गया।
- दो जिलाध्यक्षों सहित 18 पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को पद से मुक्त कर दिया गया।