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Madhya Pradesh: जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा की 40 जिलों में जीत, कांग्रेस 10 सीटों पर सिमटी

Madhya Pradesh मध्य प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने 51 में से 41 जिलों में जीत हासिल की है वहीं कांग्रेस दस जिलों में सिमट गई। भोपाल उज्जैन सहित अन्य कई जिलों में चुनाव के दौरान हंगामा भी हुआ।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 29 Jul 2022 09:11 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jul 2022 09:39 PM (IST)
Madhya Pradesh: जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा की 40 जिलों में जीत, कांग्रेस 10 सीटों पर सिमटी
मप्र जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा की 40 जिलों में जीत, कांग्रेस 10 सीटों पर सिमटी। फोटो जागरण

भोपाल, जेएनएन। Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में शुक्रवार को हुए जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव में भाजपा (BJP) समर्थित प्रत्याशियों ने शानदार जीत दर्ज की। 51 में से 41 जिलों में 'भाजपा सरकार' बनी है, वहीं कांग्रेस दस जिलों में सिमट गई। कोर्ट द्वारा एक वार्ड के परिणाम पर रोक के कारण सीधी जिला पंचायत के चुनाव नहीं कराए जा सके। भोपाल, उज्जैन सहित अन्य कई जिलों में चुनाव के दौरान हंगामा भी हुआ।

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शिवराज सिंह चौहान बोले, जनता का आशीर्वाद मिला

इससे पूर्व जनपद पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव में भी भाजपा ऐसा ही प्रदर्शन कर चुकी है। नगर पालिका और नगर परिषद में भी भाजपा का ही बहुमत है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में यह सफलता डबल इंजन की केंद्र और राज्य सरकार को जनता का मिला आशीर्वाद है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीति, योजनाओं और विकास कार्यों से भाजपा हर गांव-हर घर में पहुंच गई है। 22,924 ग्राम पंचायतों में से 20613 के सरपंच हमारे हैं। 313 जनपद पंचायत में पार्टी 227 में जीती।

बड़वानी में भाजपा से बागी मंत्री पुत्र जीते, शाम को अधिकृत प्रत्याशी बताया

बड़वानी में मंत्री प्रेम सिंह पटेल के बेटे बलवंत पटेल चुनाव जीते हैं। उन्होंने भाजपा से बागी होकर चुनाव ल़़डा था। पार्टी ने कविता आर्य को प्रत्याशी के रूप में समर्थन दिया था। परिणाम आने के बाद आर्य के समर्थकों ने मंत्री के विरद्ध नारेबाजी की और भाजपा कार्यालय में हंगामा किया। उधर, शाम को पार्टी के जिला अध्यक्ष ओम सोनी ने पत्रकारवार्ता कर बलवंत पटेल को पार्टी का समर्थित प्रत्याशी बता दिया। बताया। उधर, खंडवा में मंत्री विजय शाह के पुत्र दिव्यदित्य शाह लाटरी के माध्यम से उपाध्यक्ष पद का चुनाव जीते।

टीकमगढ़ में उमा भारती के भतीजे की पत्नी बनीं अध्यक्ष

टीकमगढ़ जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए हुए निर्वाचन में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह की पत्नी उमिता सिंह जीत गई।

तीन जिलों में लाटरी से चुने गए अध्यक्ष

धार, उमरिया और आगर-मालवा में जिला पंचायत अध्यक्ष लाटरी से चुने गए। तीनों स्थानों पर भाजपा और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को बराबर मत मिले। इसके बाद निर्वाचन अधिकारी ने लाटरी के माध्यम से चुनाव कराया। इसमें परिणाम भाजपा के पक्ष में आए।

  • जिला पंचायत के परिणाम

  • जिला निर्वाचित अध्यक्ष समर्थक दल

  • इंदौर- रीना मालवीय (भाजपा)
  • खरगोन- अनु तंवर (भाजपा)
  • खंडवा- कंचन तनवे (भाजपा)
  • धार- सरदार सिंह (भाजपा)
  • झाबुआ- सोनल भाबोर (कांग्रेस)
  • बुरहानपुर- गंगाराम मार्को (भाजपा)
  • आलीराजपुर- अनीता सिंह चौहान (भाजपा)
  • बड़वानी- बलवंत पटेल (भाजपा)
  • उज्जैन-कमला कुंवर देव़़डा (भाजपा)
  • नीमच-सज्जन सिंह चौहान (भाजपा)
  • रतलाम-लालाबाई (भाजपा)
  • शाजापुर-हेमराज सिंह सिसौदिया (भाजपा)
  • आगर-मालवा-मुन्नी बाई चौहान (भाजपा)
  • मंदसौर- दुर्गा विजय पाटीदार (भाजपा)
  • देवास-लीला अटारिया (कांग्रेस)

सत्ता के दुरुपयोग से भाजपा ने जीता है जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव: कमल नाथ

जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा ने सत्ता का दुरुपयोग करके जीत प्राप्त की। जनादेश कांग्रेस को मिला था लेकिन पुलिस, प्रशासन और धन का उपयोग करके लोकतांत्रिक मर्यादाओं को तार-तार कर दिया। कहीं कांग्रेस समर्थित सदस्य के मत को निरस्त कर दिया तो कहीं लाटरी में नाम आने पर भी भाजपा समर्थित को विजयी घोषित कर दिया। इसके बाद भी कांग्रेस के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष बड़ी संख्या में निर्वाचित हुए हैं। यह बयान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव का परिणाम आने के बाद जारी किया।

कमल नाथ के आरोप

  • भोपाल जिला पंचायत के दस में से आठ सदस्य कांग्रेस समर्थित थे। इसके बाद भी सत्ता का दुरुपयोग किया गया।
  • रतलाम में कांग्रेस का बहुमत था, लेकिन जिला प्रशासन ने तीन मत को निरस्त करके भाजपा समर्थित प्रत्याशी को विजयी घोषिषत कर दिया।
  • उमरिया में कांग्रेस और भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को समान मत मिलने पर लाटरी निकालकर निर्णय हुआ, पर जो पर्ची पहले उठाई थी तो उसमें कांग्रेस के प्रत्याशी का नाम था। इसे पीठासीन अधिकारी ने फाड़कर फेंक दिया और भाजपा के समर्थित प्रत्याशी को जीता हुआ घोषित कर दिया।
  • श्योपुर में कांग्रेस समर्थित दो सदस्यों को पुलिस उठाकर ले गई, जो अब तक गायब हैं। सीहोर में भी इसकी तरह सत्ता का दुरुपयोग किया गया।
  • सिवनी में कांग्रेस समर्थक के नामांकन पत्र को ही निरस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता सब देख रही है कि उसने अपना मत किए दिया था, उस पर किसने कब्जा कर लिया। इस अन्याय का बदला अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जनता लेगी।

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