Madhya Pradesh: मप्र में भाजपा सांसद ने कहा-लोग नकली न खरीदें, इसलिए सस्ती की गई शराब
Madhya Pradesh नई आबकारी नीति से शराब की कीमत कम होने पर मध्य प्रदेश में गुना से भाजपा सांसद और पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा. केपी यादव ने अजीब सफाई दी है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि लोग नकली शराब न खरीदें।
अशोकनगर, जेएनएन। मध्य प्रदेश की नई आबकारी नीति से शराब की कीमत कम होने पर गुना से भाजपा सांसद और पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा. केपी यादव ने अजीब सफाई दी है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि लोग नकली शराब न खरीदें। उन्होंने भिंड में मिलावटी शराब से हुई चार लोगों की मौत का उदाहरण देते हुए कहा कि नकली शराब के कारण एक भी दुर्घटना में अगर किसी की जान जाती है तो दर्द उसके घर वाले ही समझ सकते हैं। केपी यादव ने बुधवार को यह अजीब सफाई मीडिया से चर्चा में दी। केपी यादव ने यह भी कहा कि लोग कहीं न कहीं से तो शराब लेंगे। नकली शराब बनती है तो इससे दुर्घटनाएं हो जाती हैं। यह इन्हें रोकने का प्रयास है। उन्होंने यह भी कहा कि नशा मुक्ति के लिए भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश की शिवराज कैबिनेट ने गत मंगलवार को नई आबकारी नीति को मंजूरी दी थी। इसमें शराब सस्ती करने के लिए ड्यूटी और विक्रेता का लाभ कम किए जाने का प्रावधान किया गया है। इससे शराब 20 प्रतिशत तक सस्ती हो सकती है। यह नीति एक अप्रैल से लागू होगी।
एक ही दुकान से बिकेगी देशी-विदेशी शराब
प्रदेश में अब एक ही दुकान से देशी और विदेशी शराब की बिक्री की जाएगी। इसके लिए अलग-अलग व्यवस्था नहीं रहेगी। चुनिंदा ठेकेदारों के एकाधिकार का समाप्त करने के लिए अब शराब दुकानों के ठेके छोटे समूह बनाकर दिए जाएंगे। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, रीवा, सतना सहित 17 जिलों में एक या दो समूह के पास सभी शराब दुकानें हैं। यहां छोटे समूह में दुकानें नीलाम होंगी। वहीं, अन्य जिलों में मौजूदा ठेकेदारों को देशी शराब दुकान अपने पास रखने के लिए 25 प्रतिशत और विदेशी दुकान का लाइसेंस नवीनीकरण कराने के लिए 15 प्रतिशत अधिक शुल्क चुकाना होगा।
एयरपोर्ट पर खुलेंगे काउंटर
वहीं, प्रदेश के सभी एयरपोर्ट पर विदेशी शराब विक्रय के लिए एक काउंटर खोला जा सकेगा। भोपाल और इंदौर में माइक्रो ब्रेवरीज (बीयर के लिए) खोलने की अनुमति दी जाएगी। इसकी लायसेंस फीस पांच लाख रपये सालाना रहेगी। राज्य के बाहर से आयातित स्प्रिट व बीयर के लिए लायसेंस फीस पांच-पांच लाख रुपये रहेगी। यदि कोई बीयर निर्माता स्थापित इकाई क्षमता का पूरा उपयोग नहीं करता है तो वह उसे दूसरी कंपनी को लीज पर दे सकेगा। ऐसी कंपनी अपना ब्रांड भी लांच कर सकेगी। इसके लिए पंजीयन शुल्क देना होगा। अंगूर और जामुन से वाइन बनाने की अनुमति भी दी जाएगी।
ये भी रहेंगे प्रावधान
- देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था यथावत रहेगी।
- ट्रेटा पैकिंग की दर भी बुलाई जाएगी।
- बाटलिंग फीस में वृद्धि नहीं होगी।
- वाइन पर ड्यूटी की दर 125 रपये प्रति बल्क लीटर से घटाकर 110 रुपये करना प्रस्तावित है।
- किसान द्वारा उत्पादित अंगूर का उपयोग कर मध्य प्रदेश में निर्मित वाइन पर ड्यूटी यथावत रहेगी।
- ईको टूरिज्म बोर्ट और पर्यटनल विकास निगम को रियायती दर पर लाइसेंस दिए जाएंगे।