विदिशा, जेएनएन। मध्यप्रदेश के विदिशा में भाजपा नेता और पूर्व पार्षद संजीव मिश्रा ने गुरुवार शाम को पत्नी और दो बच्चों के साथ जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर लिया। वह बच्चों की लाइलाज बीमारी के कारण लंबे समय से परेशान थे। भाजपा नेता के कमरे से पुलिस को एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने बच्चों को ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्राफी (डीएमडी) नामक बीमारी का जिक्र करते हुए खुदकुशी करने की बात कही है।

कमरे से जहर की डिब्बी और सुसाइड नोट बरामद

पूर्व पार्षद संजीव मिश्रा के भतीजे अभिषेक ने बताया कि गुरुवार शाम को चाचा संजीव और उनका परिवार काफी लंबे समय से बाहर नहीं निकला, जिसके बाद उन्होंने उनके दोस्तों और पुलिस को इसकी जानकारी दी। मौके पर पुलिस के पहुंचने के बाद उनके कमरे का दरवाजा तोड़ा गया। कमरे में जमीन पर संजीव, उनकी पत्नी नीलम, 13 साल के बेटे अनमोल और छह साल के सार्थक पड़े हुए थे। मौके पर दोनों बच्चों अनमोल और सार्थक की मौत हो गई थी, जबकि संजीव और उनकी पत्नी की सांसे चल रही थी।

पती और पत्नी दोनों को तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया। उपचार के दौरान संजीव की मौत हो गई, जबकि पत्नी नीलम को मेडिकल कालेज रेफर किया गया, जहां थोड़ी देर बाद उसने भी दम तोड दिया। सीएसपी विकास पांडे के मुताबिक, मृतक के कमरे से जहर की एक डिब्बी और एक सुसाइड नोट बरामद किया गया है। सुसाइड नोट में बच्चों की लाइलाज बीमारी से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात लिखी गई है।

लाइलाज बीमारी से जूझ रहे थे दोनों बेटा

परिवारिक सूत्रों ने बताया कि संजीव का बड़ा बेटा अनमोल पिछले आठ सालों से लाइलाज कही जाने वाली बीमारी ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्राफी से जूझ रहा था। संजीव के मित्र रामनारायण विश्वकर्मा ने बताया कि संजीव ने दिल्ली के एम्स सहित देश के अन्य बड़े अस्पतालों में बेटे का इलाज कराया लेकिन वह ठीक नहीं हो पाया। इसके बाद छोटे बेटे सार्थक में भी इस बीमारी के लक्षण दिखाई देने लगे थे, जिसके कारण वह बहुत परेशान रहने लगा था। पुलिस के मुताबिक, इस मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।

मौत से पहले इंटरनेट मीडिया पर लिखा था दर्द

संजीव ने खुदकुशी से कुछ देर पहले ही दो पोस्ट लिखी थी। पहली पोस्ट में संजीव ने लिखा कि 'ईश्वर दुश्मन के बच्चे को भी न दे यह बीमारी, मस्कुलर डिस्ट्राफी ( डीएमडी) , प्रार्थना। दूसरी पोस्ट में संजीव ने लिखा कि शिकवा नहीं किसी से, किसी से गिला नहीं, भाग्य में था नही, हमें मिला नहीं। रामनारायण के मुताबिक शाम को जब उन्हें संजीव और पूरे परिवार की खुदकुशी की सूचना मिली तो उन्हें यकीन नहीं हुआ क्योंकि दोपहर में वे उनसे मिले थे। उनके मुताबिक संजीव वार्ड 32 से पिछली नगर पालिका परिषद में पार्षद चुने गए थे। वर्तमान में वे भाजपा नगर मंडल में उपाध्यक्ष थे। वे अपने बड़े भाई के साथ संयुक्त परिवार में ही रहते थे। शहर के पीतल मिल चौराहे पर वे भोजनालय चलाते थे। रामनारायण का कहना था कि संजीव के साथ आर्थिक परेशानी जैसी कोई बात नहीं थी।

क्या है लाइलाज बीमारी ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्राफी

स्थानीय अटल बिहारी मेडिकल कालेज के चीफ मेडिकल आफिसर डा. वैभव जैन ने बताया कि ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्राफी एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है। खासकर बच्चों में होने वाली इस बीमारी में मांसपेशियां कमजोर होने लगती है और मरीज चलने फिरने में असमर्थ हो जाता है। अब तक इस बीमारी का इलाज नहीं खोजा जा सका है।

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Edited By: Sonu Gupta