Move to Jagran APP

Bhaiyyu Maharaj Suicide Case: भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला, इन सबको माना दोषी

भय्यू जी महाराज आत्महत्या मामले में सेवादार विनायक केयर टेकर पलक और ड्राइवर शरद को कोर्ट ने माना दोषी। कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला। भय्यू महाराज ने 2018 में घर पर ही लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारकर की थी आत्महत्या।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 02:30 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 03:42 PM (IST)
Bhaiyyu Maharaj Suicide Case: भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला, इन सबको माना दोषी
देशभर में चर्चित रहे भय्यू महाराज आत्महत्या मामले।

इंदौर, जेएनएन । देशभर में चर्चित रहे भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में करीब साढ़े तीन साल की सुनवाई के बाद शुक्रवार को आखिर फैसला आ गया। जो सेवादार भय्यू महाराज के लिए परिवार से बढ़कर थे, जिन पर उन्हें इतना विश्वास था कि उनके भरोसे उन्होंने अपने आश्रम और कामकाज सौंप रखे थे, उन्हीं सेवादारों ने उन्हें पैसों के लिए इतना प्रताड़ित किया कि मजबूरी में उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाना पड़ा। सत्र न्यायाधीश ने महाराज के सेवादार रहे शरद देशमुख, विनायक दुधाले और पलक पुराणिक को महाराज को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में सजा सुनाई। कोर्ट ने माना कि आरोपित महाराज को पैसों के लिए प्रताड़ित करते थे। पैसों के लिए उन्हें ब्लैकमेल भी किया जाता था।

prime article banner

जानकारी हो कि भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को खुद के माथे पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। घटना के करीब छह महीने बाद पुलिस ने महाराज के तीन नौकरों पलक, विनायक और शरद को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। मालूम हो कि तभी से तीनों आरोपी जेल में हीं थे ।

मध्य प्रदेश के बहुचर्चित संत भय्यू महाराज के आत्महत्या मामले में इंदौर की कोर्ट ने शुक्रवार को फाइनल सुनवाई हुई। कोर्ट ने मुख्य सेवादार विनायक, ड्राइवर शरद और केयरटेकर पलक को दोषी ठहराया है। जानकारी के अनुसार साढ़े तीन साल सुनवाई के बाद सत्र न्यायालय ने फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने अपराध को प्रमाणित पाते हुए सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने महाराज के सेवादार रहे शरद देशमुख, विनायक दुधाले और पलक पुराणिक को महाराज को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में सजा सुनाई। कोर्ट ने माना कि आरोपित संत भय्यू को पैसों के लिए प्रताड़ित करते थे। पैसों के लिए उन्हें ब्लैकमेल भी किया जाता था।

मालूम हो कि इस मामले में 19 जनवरी को साढ़े पांच घंटे सुनवाई हुई थी। जिसमें कहा गया था कि भय्यू महाराज आत्महत्या केस में 28 जनवरी को फैसला सुनाया जाएगा। अपर सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी की कोर्ट में दो सत्रों में साढ़े पांच घंटे तक सुनवाई चली। आरोपी विनायक की तरफ से एडवोकेट आशीष चौरे थे । 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.