Omicron Variant: हो जाएं सावधान लगातार बढ़ रही है कोरोना मरीजों की संख्या, जाने क्या है इसकी वजह
Omicron Variant नए ओमिक्रॉन वेरिएंट से हर कोई दहशत में है। ऐसे समय में जरा सी भी लापरवाही मुश्किल में डाल सकती है। भोपाल में सोमवार को कोरोना संक्रमण के 15 मरीजों की पुष्टि हुई है। पहले के मुकाबले नवंबर में मरीजों की बढ़ी संख्या ने चिंता बढ़ा दी है।
भोपाल, जेएनएन। बीते एक सप्ताह में भोपाल में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सोमवार को साढ़े चार हजार सैंपल की जांच की गई जिसमें 15 मरीजों की पुष्टि हुई है। ये मरीज फीवर क्लीनिकों में लिए गए सैंपल और औचक तौर पर लिए गए सैंपल में सामने आये हैं। इस जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या अब 50 से अधिक पहुंच गई है जबकि रविवार को 47 मरीज थे। हालांकि सक्रिय मरीजों में किसी की हालत गंभीर नहीं बतायी गई है। इनमें से 10 मरीजों का अस्पताल में इलाज हो रहा है जबकि अन्य सभी होम आइसोलेशन में हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरोना जांच को लेकर सोमवार को आई रिपोर्ट में 23 नए मरीजों की पुष्टि हुई है जिनमें 15 मरीज भोपाल से जबकि बाकी मरीजे अन्य जिलों से हैं। इन लोगों के संपर्क में आए लोगों की भी पहचान कर उनके सैंपल लिए जा रहे हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या का सबसे बड़ा कारण लापरवाही है। देश में धरना, प्रदर्शन समेत भीड़ वाले कई आयोजन हो रहे हैं इनमें भाग लेने वाले लोग कोविड नियमों का जमकर उल्लंघन कर रहे हैं। न मास्क लगा रहे हैं और न ही शारीरिक दूरी का ख्याल रख रहे हैं। इस शहर में कोरोना मरीजों क संख्या अधिक होने की दूसर वजह ये भी है कि कोरोना प्रभावित अन्य राज्यों से सीधी ट्रेनें भोपाल आ रही हैं। अन्य राज्यों से संक्रमित हुए मरीज भोपाल पहुंच रहे हैं। इसी वजह से प्रशासन अब अलर्ट हो गया है और बस स्टैंड व रेलवे स्टेशनों पर लोगों की जांच करने का कार्य शुरू कर दिया है।
जाने क्या है नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के लक्षण
कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं ऐसे में सजग रहें ओर कोविड नियमों का पालन करें। डाक्टरों की सलाह है कि अगर खांसी, सिरदर्द, बुखार, सर्दी, हाथ और पैरों में दर्द, भूख न लगना, शरीर में ऐंठन, सांस लेने में तकलीफ, खाने में स्वाद न आना, सूंघने में गंध का न आना ऐसा कोई भी लक्षण महसूस हो तो तुरंत डाक्टरी परामर्श लें। हम में से अधिकतर लोग ऐसे लक्षणों को मामूल मानकर डाक्टरी सलाह नहीं लेते हैं और पांच से सात दिन ऐसे ही निकाल देते हैं। यहीं लापरवाही हमें खतरे में डाल सकती है और अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है। इसके अलावा ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, किडनी, अस्थमा, कैंसर से ग्रसित लोगों को और भी सचेत रहने की जरूरत है।