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Egypt Defense Expo: इजरायल जैसे देशों को इजिप्ट डिफेंस एक्सपो में पसंद आई डीआरडीइ की तकनीक

Egypt Defense Expo डीआरडीओ की रक्षा तकनीक और उत्पादों को विकसित देशों में भी काफी पसंद किया गया है। इससे न केवल विश्व में भारत का कद बढ़ेगा बल्कि रक्षा तकनीक व उत्पादों में देश की निर्यात क्षमता में वृद्धि होगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 05:36 PM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 05:36 PM (IST)
Egypt Defense Expo: इजरायल जैसे देशों को इजिप्ट डिफेंस एक्सपो में पसंद आई डीआरडीइ की तकनीक
इजिप्ट डिफेंस एक्सपो में इजरायल जैसे देशों को पसंद आई डीआरडीइ की तकनीक। फाइल फोटो

ग्वालियर, जेएनएन। रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) की रक्षा तकनीक और उत्पादों को विकसित देशों में भी काफी पसंद किया गया है। इससे न केवल विश्व में भारत का कद बढ़ेगा बल्कि रक्षा तकनीक व उत्पादों में देश की निर्यात क्षमता में वृद्धि होगी। इजिप्ट की राजधानी काहिरा में आयोजित इजिप्ट डिफेंस एक्सपो- 2021 में भारत समेत 42 देशों ने भाग लिया। इसमें जल, थल और नभ के रक्षा उत्पाद व तकनीकों को एक छत के नीचे दिखाया गया। भारत के प्रमुख रक्षा संगठन डीआरडीओ ने भी इसमें भाग लिया। इस संगठन द्वारा विकसित रक्षा तकनीकों के साथ इसी की इकाई रक्षा अनुसंधान व विकास स्थापना (डीआरडीइ) ग्वालियर की प्रयोगशाला में तैयार किए गए न्यूक्लियर, बायोलाजिकल और केमिकल एजेंटों (एनबीसी) से सुरक्षित रखने वाला सूट, जहरीली गैसों से बचाने वाले कैनिस्टर और फिल्टर को इजरायल सहित दूसरे देशों ने सराहा।

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29 नवंबर से दो दिसंबर तक आयोजित एक्सपो में डीआरडीओ और डीआरडीइ, ग्वालियर की ओर से कई उच्च अधिकारी और विज्ञानी शामिल हुए। स्वदेश लौटे अधिकारियों के मुताबिक, देश में निर्मित रडार, ब्रिज लेयर टैंक, एनबीसी उपकरण और फिल्टर कार्टिजेस तकनीक को इसमें प्रदर्शित किया गया था। इजरायल सहित अन्य कई देशों के प्रतिनिधियों ने फिल्टर और कैनिस्टर में रुचि दिखाई। इनकी आपूर्ति के लिए आर्डर भी जल्द मिल सकते हैं।

डीआरडीइ की इन रक्षा तकनीकों को बेहतर प्रतिसाद

एनबीसी सूट: सेना के जवानों को रासायनिक-जैविक हमलों से बचाने डीआरडीइ प्रयोगशाला में एनबीसी सूट मार्क-5 तैयार किया गया है। इस अत्याधुनिक सूट निर्माण तकनीक को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) ने भी मान्यता दी है। रासायनिक-जैविक हमलों से बचाव की मानक तकनीक अब अन्य देश भारत से ले सकेंगे।

एनबीसी कैनिस्टर: डीआरडीइ में ही एनबीसी कैनिस्टर नीलकंठ-पी (गैस मास्क में उपयोग किया जाने वाला फिल्टरनुमा उपकरण) तैयार किया है। कैनिस्टर का यह विकसित वर्जन सेना के जवानों को बायोलाजिकल-केमिकल एजेंटों से सुरक्षित रख लंबे समय तक आक्सीजन लेने में मदद करता है।

फिल्टर: डीआरडीइ ने जहरीली गैसों से बचाव के लिए फिल्टर भी तैयार किए हैं। ये सैन्य जहाजों व विमानों में उपयोग किए जाते हैं। जहरीली गैसों से बचाव में फिल्टर काफी कारगर साबित होता है।


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