भोपाल में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
एनएसयूआइ के छात्रों ने छात्रवृत्ति नहीं देने और नई शिक्षा में निजीकरण को बढ़ावा दिए जाने के विरोध में भोपाल में स्थित मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने हलका बल भी प्रयोग किया है।
भोपाल, जेएनएन। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) के छात्रों ने छात्रवृत्ति नहीं देने और नई शिक्षा में निजीकरण को बढ़ावा दिए जाने के विरोध में भोपाल में स्थित मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया। इसमें राज्य भर से विभिन्न संगठन पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हैं। शिवराज सराकर की छात्र विरोधी नीतियों के विरोध में राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन प्रदेश अध्यक्ष मंजुल त्रिपाठी के नेतृत्व में 'शिक्षा बचाओ देश बचाओ अभियान' के तहत मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा। इसके लिए लिंक रोड-1 पर स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर छात्र एकत्रित हुए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ सहित वरिष्ठ नेता भी पार्टी कार्यालय पहुंचे। मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के साथ पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, लखन घनघोरिया, कुणाल चौधरी, विपिन वानखेड़े सहित अन्य विधायक भी उपस्थित हैं।
#WATCH मध्य प्रदेश: भोपाल में NSUI ने शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ मार्च निकाला। इस दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। pic.twitter.com/G3j006eOHC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 25, 2021
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बैनर, झंडे, पेास्टर व नारे लगाने से कुछ नहीं होगा। हमें अपने शक्ति से कांग्रेस संगठन को मजबूत बनाना है। हर कॉलेन में एनएसयूआई की इकाई होनी चाहिए। अगर ऐसा ही जोश बरकरार रहा तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस का शासन आने से कोई नहीं रोक सकेगा। बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए निकले एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को पुलिस बल ने बैरिकेडस लगाते हुए रेडक्रॉस चौराहे पर रोक दिया। इस विरोध प्रदर्शन में एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन, प्रदेश अध्यक्ष मंजूल त्रिपाठी भी शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने हलका बल भी प्रयोग किया है।
प्रदेश प्रभारी व संगठन के राष्ट्रीय नितिश गौड़ ने कहा कि देश में शिक्षा व्यवस्था को बुरा हाल है। इसे लेकर सभी जिलों मे विरोध प्रदर्शन हो रहे है। मुख्यमंत्री आवास क घेराव किया जा रहा है। कोरोना काल की मुश्किल घड़ी में भी सरकार ने हजारों विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में कटौती कर दी, अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली। निम्न आय वर्ग केअभिभावकों के पास फीस जमा करवाने तक के पैसे नहीं हैं। देश में शिक्षा का निजीकरण हो रहा है जिससे ये संस्थान मनमानी फीस वसूल रहे हैं। इसी का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया जा रहा है।