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साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर चुनाव आयोग का शिकंजा, चुनावी कैंपेन पर 72 घंटे का लगाया प्रतिबंध

निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उल्‍लंघन को लेकर भाजपा उम्‍मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर के चुनावी कैंपेन पर तीन दिन का प्रतिबंध लगा दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 01 May 2019 08:38 PM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 09:34 PM (IST)
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर चुनाव आयोग का शिकंजा, चुनावी कैंपेन पर 72 घंटे का लगाया प्रतिबंध
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर चुनाव आयोग का शिकंजा, चुनावी कैंपेन पर 72 घंटे का लगाया प्रतिबंध

नई दिल्‍ली, जेएनएन। निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार के दौरान विद्वेष फैलाने वाले भाषणों को लेकर भोपाल से भाजपा की उम्‍मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। चुनाव आयोग की यह कार्रवाई प्रज्ञा ठाकुर द्वारा अयोध्‍या विवादित ढांचा पर दिए गए बयान को लेकर की गई है। यह प्रतिबंध बृहस्‍पतिवार को सुबह 6 बजे से शुरू होगा। 

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आयोग ने अपने लिखित आर्डर में साध्वी प्रज्ञा के बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर दिये गए बयान पर कडा ऐतराज जताते हुए भाजपा प्रत्याशी को जमकर फटकार लगाई है। आयोग ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा है कि इस तरह के बयानों से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भविष्य में बचना चाहिए। आयोग ने साध्वी के एक निजी चैनल पर दिये साक्षात्कार में बाबरी मस्जिद विध्वंस पर शामिल होने वाले बयान पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि आयोग इस पर साध्वी के जवाब से संतुष्ट नहीं है, आयोग ने उनके बयान को भडकाऊ और धार्मिक आधार पर नफरत फैलाने वाला पाया है। 

आयोग ने साध्वी से कहा है कि उन्‍हें या‍द रखना चाहिए कि चुनाव के दौरान धार्मिक और जातिगत आधार पर वोट नहीं मांगा जा सकता है। उनके बयानों से सीधे तौर पर चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है। इस कारण आयोग ने उन्‍हें 72 घंटे के लिए चुनाव प्रचार से दूर किया है। आयोग ने साध्वी के भोपाल में चुनाव प्रचार के दौरान शहीद हेमंत करकरे पर दिए बयान पर भी नाराजगी जाहिर की है। 

साध्‍वी बोलीं, आयोग के फैसले का सम्‍मान 
आयोग ने साध्वी को फटकार लगाते हुए याद दिलाया है कि देश में इस वक्त आदर्श आचार संहिता लगी हुई है, जिसका सभी को सम्मान करना चाहिए। आयोग इस बात से अवगत है कि साध्वी ने अपना बयान वापिस लिया है और इस पर माफी भी मांगी है। बावजूद इसके आयोग ने साध्वी से कहा है कि इस तरह के बयानों से उनको बचना चाहिए। वहीं, निर्वाचन आयोग के फैसले पर साध्‍वी प्रज्ञा ने कहा है कि 'कोई बात नहीं मैं आयोग के इस फैसले का सम्‍मान करती हूं।'

बता दें कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा था कि वह अयोध्‍या गई थीं और उन्‍होंने विवादित ढांचे पर चढ़कर उसे तोड़ा। उन्‍होंने कहा था, 'मैंने पहले भी कहा है कि मैं अयोध्‍या गई थी और विवादित ढांचे पर चढ़कर उसे तोड़ा। इस पर मुझे गर्व है। ईश्वर ने मुझे अवसर और शक्ति दी थी, इसलिए मैंने यह काम किया। मैंने देश का कलंक मिटाया था। मैं आगे भी अयोध्‍या जाऊंगी और वहां राम मंदिर निर्माण में मदद करूंगी।' इस बयान पर भी निर्वाचन अयोग ने संज्ञान लेते हुए साध्वी प्रज्ञा को आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस भेजा था।

इससे पहले मुंबई हमले में शहीद हुए आइपीएस हेमंत करकरे को साध्वी ने कथित तौर पर देशद्रोही कहा था। बवाल मचा तो साध्‍वी ने उक्‍त बयान पर माफी मांग ली थी। उन्‍होंने कहा था कि यदि मेरे शब्दों से यदि दुश्मनों को फायदा होता है तो मैं बयान वापस लेती हूं। उन्‍होंने यह भी कहा था कि शहीद हेमंत करकरे पर दिए बयान को लेकर मैं माफी मांग चुकी हूं। अब उन लोगों से भी माफी मंगवाई जाए, जिन्होंने मुझे नौ साल तक पीड़ा दी।

उल्‍लेखनीय है कि साध्‍वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मालेगांव बम विस्‍फोट मामले (2008-Malegaon blast case) में आरोपी हैं। पिछले महीने ही एनआईए की विशेष अदालत ने साध्‍वी प्रज्ञा सिंह को चुनाव लड़ने से रोकने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि मौजूदा लोकसभा चुनावों में हमारे पास किसी को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कोई कानूनी शक्तियां नहीं हैं। किसे चुनाव लड़ने देना है किसे नहीं यह तय करना निर्वाचन अधिकारियों का काम है। अदालत आरोपी नंबर-1 को चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती है। यह याचिका सुनवाई के योग्‍य नहीं है। 


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