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Karam River Dam: मध्य प्रदेश के धार में नदी पर बने डैम से रिसाव, 11 गांवों पर बाढ़ का खतरा; प्रशासन ने कराया खाली

धार-धामनोद मार्ग स्थित भारूड़पुरा के निचले ग्राम कोठिडा में नवनिर्मित मिट्टी के बांध लीकेज होने का मामला प्रकाश में आया है। शुक्रवार को सभी गांव को खाली करवाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अभी तक 11 गांव को खाली करा दिया गया है ।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 02:30 PM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2022 03:07 PM (IST)
Karam River Dam: मध्य प्रदेश के धार में नदी पर बने डैम से रिसाव, 11 गांवों पर बाढ़ का खतरा; प्रशासन ने कराया खाली
धार जिले के नदी पर बने बांध में लीकेज होने से 11 गांव खाली कराए गए, लोगों को किया अलर्ट

धार, ऑनलाइन डेस्क । मध्यप्रदेश के धार जिले के धामनोद मार्ग स्थित भारूड़पुरा के निचले ग्राम कोठिडा में नवनिर्मित मिट्टी के बांध लीकेज होने से लगातार पानी बह रहा है। इस मामले को प्रशासन और जन संसाधन विभाग ने गंभीरता से लेते हुए पानी का लीकेज रोकने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं राजस्व विभाग ने बांध के निचले क्षेत्र में बसे हुए तीन गांव को अलर्ट जारी कर दिया है।

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मालूम हो कि इंदौर जिले के धार-धामनोद मार्ग स्थित भारूड़पुरा के निचले ग्राम कोठिडा में नवनिर्मित मिट्टी के बांध लीकेज होने का मामला प्रकाश में आया है। यहां से लगातार पानी बह रहा है। शुक्रवार को सभी गांव को खाली करवाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अभी तक 11 गांव को खाली करा दिया गया है 

मालूम हो कि गुरुवार को कारम नदी पर बनाए गए उक्त बांध के मामले में अचानक से रिसाव होने की जानकारी सामने आई। इसका वीडियो इंटरनेट के माध्यम से दूर फैल गया। इससे बड़ी संख्या में लोग मौके पर इस स्थिति को देखने के लिए भी पहुंच गए। वहीं आसपास के बसे हुए गांव के लोगों को सुरक्षित किया जा रहा है। फिलहाल लीकेज सामान्य है। जानकारी हो कि प्रशासन ने तमाम तैयारियां कर ली। यदि बांध में अचानक से कोई बड़ी समस्या आती है तो गांव वालों को सुरक्षित करने का प्लान तैयार किया जा रहा है। विभाग का कहना है कि यह सामान्य रिसाव है। इसे जल्द ही दुरुस्त कर लिया जाएगा। इसके लिए बड़े स्तर पर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें प्राथमिक रूप से सफलता भी मिल गई है।

बता दें कि कारम नदी पर करीब 200 कराेड़ की लागत से बांध बनाया गया है। इसमें एक मजबूत सीमेंट के बांध के अलावा जल संग्रहण के लिए मिट्टी का बांध भी बनाया गया है। इसमें वर्तमान में करीब 295 मीटर के जल स्तर तक पानी भरा हुआ है। क्षेत्र में हुई वर्षा के कारण मानसून के मध्य सत्र में ही पानी भर गया है। एक लीकेज के कारण ताबड़तोड़ में प्रशासन और जल संसाधन विभाग हरकत में आया।

वहीं, नायब तहसीलदार ने बताया कि जल संसाधन विभाग के मिट्टी बांध से पानी लीकेज की सूचना मिलने पर प्रशासन के अधिकारियों ने हमें इस संबंध में निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि हमने बांध के निचले स्तर के जो प्रमुख 3 गांव हैं, वहां पर मुनादी करवा दी है। तुरंत ही इन गांवों में लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के लिए कहा गया है। हालांकि यहां सुरक्षात्मक कदम उठाए गए हैं।

मालूम हो कि पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। कलेक्टर खुद बांध को देखने के लिए पहुंचे हैं। कारम नदी के आसपास कोठीदा गांव के साथ इमलीपुरा, दुगनी, डेहरिया, सिरसोदिया और हनुमंत्या बसे हुए हैं। इन गांवों में विशेष रूप से निगरानी रखी जा रही है। यदि किसी तरह की अप्रिय स्थिति बनती है तो उसे तुरंत निपटा जा सकता है। हालांकि बांध की लीकेज को रोकने के लिए बहुत व्यापक स्तर पर काम शुरू हो चुके हैं।

इस बारे में बांध निर्माण संबंधी कार्य विभाग जल संसाधन के एसडीओ के अनुसार इसमें एक मामूली सा लीकेज हुआ। इसमें एक मोटर का पानी लगातार बह रहा है। यह बहुत बड़ा रिसाव नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे मिट्टी के बांध में बहुत नुकसान या फूटने की स्थिति नहीं है। इसलिए इसको भी हमने बड़े स्तर पर रोकने के लिए काम शुरू कर दिया है। इसमें हम मुरम डालने से लेकर जो पानी का रिसाव रोकना में लगे है। इसके लिए बहुत तेजी से काम कर रहे है। मशीन लगाई गई है। युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। बहुत जल्द ही इस पानी को रोकने में सफलता मिल जाएगी। कुछ हद तक हमें पानी को रोकने में सफलता मिल भी गई है।


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