नरेंद्र मोदी
खून बहाने नहीं, जीवन बचाने के लिए जिएं नक्सली। समस्याओं का हल लोकतंत्र में है, बंदूकतंत्र में नहीं। बंदूक से धरती तो लहुलूहान की जा सकती है, परंतु उसपर हरियाली नहीं लाई जा सकती। [महाराष्ट्र, 4 अप्रैल]
By Edited By: Published: Fri, 04 Apr 2014 12:36 PM (IST)Updated: Fri, 04 Apr 2014 04:07 PM (IST)
खून बहाने नहीं, जीवन बचाने के लिए जिएं नक्सली। समस्याओं का हल लोकतंत्र में है, बंदूकतंत्र में नहीं। बंदूक से धरती तो लहुलूहान की जा सकती है, परंतु उसपर हरियाली नहीं लाई जा सकती। [महाराष्ट्र, 4 अप्रैल]
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