मुस्लिम वोट से ममता ने बंगाल में रोका मोदी रथ
मोदी लहर पर सवार भाजपा ने पश्चिम बंगाल में भले ही अपना जनाधार बढ़ाया और दो सीटें हासिल कीं। लेकिन अन्य राज्यों की अपेक्षा यहां ममता बनर्जी का तिलिस्म तोड़ने में कामयाब नहीं हो सकी। चुनाव परिणाम के बाद इसके विश्लेषण से पता चला कि ममता ने प्रदेश में मुस्लिम मतदाताओं के अपार समर्थन के चलते मोदी का रथ रोक दिया। यहां ममता को मुसलमानों के 2
कोलकाता, जाब्यू। मोदी लहर पर सवार भाजपा ने पश्चिम बंगाल में भले ही अपना जनाधार बढ़ाया और दो सीटें हासिल कीं। लेकिन अन्य राज्यों की अपेक्षा यहां ममता बनर्जी का तिलिस्म तोड़ने में कामयाब नहीं हो सकी। चुनाव परिणाम के बाद इसके विश्लेषण से पता चला कि ममता ने प्रदेश में मुस्लिम मतदाताओं के अपार समर्थन के चलते मोदी का रथ रोक दिया। यहां ममता को मुसलमानों के 28 प्रतिशत वोट मिले जिससे तृणमूल कांग्रेस ने राज्य की 42 में 34 सीटों पर जीत हासिल की।
तृणमूल कांग्रेस को कुल 39.4 फीसद वोट मिले जबकि कांग्रेस को चार सीटों और नौ फीसद वोट से संतोष करना पड़ा। वाम दलों ने आजादी के बाद से सबसे खराब प्रदर्शन किया और दो सीटें व 29 फीसद वोट हासिल किए। जबकि चुनाव से पहले बंगाल में अप्रासंगिक मानी जाने वाली भाजपा को दो सीटें 17.06 फीसद वोट मिले। पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले भाजपा को 11.06 फीसद वोट का इजाफा हुआ। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक पूरा चुनाव मोदी के समर्थन या मोदी के विरोध पर केंद्रित था। लिहाजा अल्पसंख्यकों सहित सभी मोदी विरोधियों ने बंगाल में ममता को खुलकर समर्थन दिया। जिसके चलते बंगाल में सत्ता की राह समझे जाने वाले 28 फीसद मुस्लिम वोट ममता की झोली में आ गिरे।
तृणमूल में विलय कर ले कांग्रेस : डेरेक
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व प्रवक्ता डेरेक- ओ-ब्रायन ने कांग्रेस को सुझाव दिया है कि उसे अपनी पार्टी का क्षेत्रीय शक्ति में विलय कर लेना चाहिए। डेरेक ने अपने ब्लॉग पर लिखा कि लोकसभा चुनाव में जिस तरह कांग्रेस पराजित हुई, इसके बाद कांग्रेस को तृणमूल में अपना विलय कर लेना चाहिए। वर्ष 1998 में ममता बनर्जी ने कांग्रेस छोड़ तृणमूल कांग्रेस का गठन किया था। ब्रायन ने कहा, कांग्रेस को मजबूत नेता चाहिए और ममता से अच्छा उसे कोई नहीं मिलेगा।
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