पूरी योजना के साथ मैदान में आप
वाराणसी, विकास ओझा। किसी बरात, छंट्टी, बरही, जलसे या सार्वजनिक आयोजनों में अगर आपको अचानक सौ दो सौ लोग आम आदमी पार्टी की टोपी लगाए दिखने लगें तो यकीनन आप हैरत में पड़ जाएंगे। आप सोच सकते हैं ये सब प्रायोजित तो नहीं। पूछताछ करेंगे तो आपको मासूमियत भरा जवाब मिलेगा, नहीं, हम तो 'आप' के समर्थक हैं और स्वेच्छा से ऐसा कर रह
वाराणसी, विकास ओझा। किसी बरात, छंट्टी, बरही, जलसे या सार्वजनिक आयोजनों में अगर आपको अचानक सौ दो सौ लोग आम आदमी पार्टी की टोपी लगाए दिखने लगें तो यकीनन आप हैरत में पड़ जाएंगे। आप सोच सकते हैं ये सब प्रायोजित तो नहीं। पूछताछ करेंगे तो आपको मासूमियत भरा जवाब मिलेगा, नहीं, हम तो 'आप' के समर्थक हैं और स्वेच्छा से ऐसा कर रहे हैं। हालांकि हकीकत कुछ और है। वाराणसी संसदीय सीट पर नरेंद्र मोदी को चुनौती देने उतरे अरविंद केजरीवाल को हर हाल में फतह दिलाने को आप की स्थानीय इकाई योजनाबद्ध प्रचार प्लान के साथ चुनाव मैदान में उतर गई है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार तय किया गया है कि सार्वजनिक अथवा मांगलिक कार्यक्रमों में आप के लोग कुछ इस तरह लोगों को आप की टोपी पहनाएं या पहनवाएं कि लोगों को अहसास हो यह सब स्वत: स्फूर्त है। इसके लिए नगर के कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया है कि वे अपने मोहल्ले या आसपास में होने वाले ऐसे कार्यक्रमों की जानकारी सूचीबद्ध करें, आयोजक से बात कर सहमति लें और उन्हें टोपी उपलब्ध कराएं। खास ध्यान यह रखा जा रहा है कि कहीं कोई विरोध न हो और लगे कि सब स्वेच्छा से हो रहा है। ऐसा ही कुछ मंगलवार की रात जैतपुरा में हुआ जहां हाजी मुगल के बेटे दानिश की बरात में दर्जनों लोग आप की टोपी लगाए चल रहे थे।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी आप कार्यकर्ता टोली बनाकर पहुंच रहे हैं। किसानों व श्रमिकों के साथ वक्त बिता रहे हैं और उन्हें टोपी गिफ्ट कर आप का संदेश सुना रहे हैं। कार्यकर्ताओं को निर्देश है कि वे गांवों में आंचलिक भाषा ही बोलें और खड़ी बोली से परहेज करें। प्रचार तरीकों में कुछ और बदलाव करते हुए अब मीडिया की जिम्मेदारी दिल्ली से पहुंची टीम के हवाले कर दिया गया है। स्थानीय टीम भी कदम से कदम मिलाकर उनके साथ है। इतना ही नहीं, आइटी सेक्शन के डेटा कलेक्शन का काम भी दिल्ली की टीम ने संभाल रखा है। हर सुबह प्रचार के लिए निकली टोलियों के हर शाम अपने मुख्य कार्यालय पर रिपोर्ट देने का निर्देश हैं। प्रचार टोलियों में महिलाओं की संख्या ज्यादा रखने की भी कोशिश है।
पढ़ें: केजरीवाल ने कहा, मर जाऊंगा, पर भाजपा का साथ नहीं दूंगा