नक्सलियों के बीच फंसे मतदानकर्मी सुरक्षित लौटे
छत्तीसगढ़ में बस्तर के घने जंगलों के बीच फंसे मतदान कर्मियों और सुरक्षा बल के जवानों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। गुरुवार को मतदान के बाद लौटते समय नक्सलियों ने इन पर गोलीबारी शुरू कर दी थी। रास्ते में नक्सली हमले की आशंका को देखते हुए उन्हें रात में एक जगह रुकने का निर्देश दिया गया था। इसमें 20 मतदान
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। छत्तीसगढ़ में बस्तर के घने जंगलों के बीच फंसे मतदान कर्मियों और सुरक्षा बल के जवानों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। गुरुवार को मतदान के बाद लौटते समय नक्सलियों ने इन पर गोलीबारी शुरू कर दी थी। रास्ते में नक्सली हमले की आशंका को देखते हुए उन्हें रात में एक जगह रुकने का निर्देश दिया गया था। इसमें 20 मतदान कर्मियों के साथ-साथ सुरक्षा बलों के 100 जवान भी शामिल थे। इस दौरान यूएवी (अनमैंड एरियल व्हीकल) के सहारे आसपास के इलाके में नक्सली गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के सुकमा के एक मतदान केंद्र से लौटते समय शाम को नक्सलियों ने बड़े पैमाने पर गोलीबारी शुरू कर दी। मतदान कर्मियों के साथ मौजूद सुरक्षा बल के जवानों ने इसका जवाब दिया। लेकिन ऐसे में रात के अंधेरे में उनका आगे बढ़ना खतरनाक था। इसी कारण उनसे रात में जंगल के बीच ही रहने को कहा गया। इस बीच जवान सैटेलाइट फोन के माध्यम से लगातार वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संपर्क में थे। पूरी रात यूएवी के जरिये नक्सलियों की आवाजाही पर नजर रखी गई। अंतत सुबह होने पर सुरक्षा बल के जवानों के साथ मतदान कर्मी बेस कैंप तक पहुंचने में सफल रहे। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बेस कैंप से उन्हें जिला मुख्यालय लाया जा रहा है। ध्यान देने की बात यह है कि सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के कारण नक्सली बस्तर में मतदान में बाधा डालने में बुरी तरह विफल रहे। यही नहीं, इस बार 2009 की तुलना में नक्सलियों के गढ़ में ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल भी किया।
नक्सलियों की खीझ ग्रामीणों पर उतारी
सुकमा : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के अति संवेदनशील मतदान केंद्र पोंदूम में गुरुवार रात नक्सलियों ने जमकर फायरिंग की। बौखलाए सीआरपीएफ जवानों ने इसका गुस्सा ग्रामीणों और मतदान दल पर उतारा और रातभर उनकी पिटाई की। घायल एक दर्जन ग्रामीणों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मालूम हो कि मतदान दल को छोड़कर लौटते वक्त सीआरपीएफ का एक जवान नक्सलियों के प्रेशर बम की चपेट में आ गया था। वोटिंग के बाद जवानों ने गांव में रात बिताने का फैसला किया। इस बीच नक्सलियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने अपना गुस्सा ग्रामीणों पर उतार दिया।
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